दिल्ली में आज सुबह से ही तेज बारिश के बावजूद जंतर-मंतर पर किसानों की संसद जारी है। धरना स्थल पर बरसते पानी और जलभराव के बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे। किसानों का कहना है कि हम ठंड हो बारिश पीछे हटने वाले नहीं है।
शहर में होती तेज बारिश और सड़कों पर जाम के चलते किसान दोपहर 12 बजे जंतर-मंतर पर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने ‘किसान संसद’ की कार्यवाही शुरू की हुई। बुधवार को हुए सत्र में 100 से ज्यादा किसानों ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के मुद्दे को लेकर चर्चा की। वहीं शाम को सरकार के इस काले कानून के खिलाफ प्रस्ताव भी पेश किया गया। धरना स्थल पर बरसते पानी और भारी जलजमाव के बावजूद किसान टस से मस नहीं हुए। वे प्रदर्शन स्थल पर ही अपनी मांगों को लेकर धरना देते रहे।
बरसते पानी के बीच किसानों ने टेंट में पहले संसद को चलाया। वहीं इसके बाद किसानों ने टेंट में लंगर लिया। इसके बाद फिर से संसद के दूसरे सत्र की कार्यवाहीं शुरू की गई। भारतीय किसान यूनियन असली के प्रवक्ता प्रबल प्रताप शाही ने अमर उजाला से चर्चा करते हुए कहा कि बुधवार को किसान संसद के दोनों सत्रों में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के मुद्दे को लेकर चर्चा हुई। इसमें 100 से ज्यादा किसानों ने चर्चा में भाग लिया।
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चुनिंदा कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का कानून लेकर आई है। आज भाजपा सरकार कॉरपोरेट घरानों के साथ मिलकर काम करती है। इन्हीं घरानों के दबाव में वे ऐसे काले कृषि कानून लेकर आई है। आज सरकार छोटे और गरीब किसानों की जमीन अंबानी और अडानी को देना चाहती है।