मुंह से दुर्गंध (Bad Smell) आना वैसे तो बहुत सामान्य बात है लेकिन कई बार इसे नजरअंदाज करना बड़ी बीमारियों को न्योता देने जैसा है। यदि लंबे समय से आपके मुंह से दुर्गंध आ रही है तो बहुत जरूरी है कि आप चिकित्सक को दिखाएं क्योंकि यह डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है। मुंह की दुर्गंध का संबंध मनुष्य की सांसों से होता है इसलिए कई बार ये फेफड़ों में किसी समस्या के होने की भी सूचना देती है। हमारा शरीर हमें जो भी संकेत देता है, उन पर गौर फरमाना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि मुंह से आने वाली बदबू किन बड़ी बीमारियों के होने का संकेत देती है।
यदि आपके मुंह से भी लंबे समय से बदबू (Bad smell) आ रही है तो सतर्क हो जाइए। अध्ययनों में पाया गया है कि मुंह की गंध से डायबिटीज के शुरुआती लक्षण का पता लगाया जा सकता है। इस बीमारी में मसूड़ों से जुड़े रोग के जोखिम बढ़ते हैं जिससे मुंह से बदबू आती है। यदि किसी को डायबिटीज है तो मुंह से एसिटोन जैसी बदबू आ सकती है। यह खून में कीटोन का स्तर बढ़ने से होता है। कीटोन में एसिटोन होता है। यह वही तत्व है, जिसे नेल पॉलिश रिमूवर में इस्तेमाल करते हैं। डायबिटीज के मरीजों के मुंह से यदि एसिटोन जैसी गंध आती है तो समझ लें कि खून में कीटोन्स का स्तर बढ़ गया है।
किडनी की बीमारी में मुंह की बदबू (Bad smell ) आना एक आम लक्षण है। ब्लड स्ट्रीम में यूरिया की मात्रा बढ़ने से कई लोगों में मुंह की बदबू की शिकायत हो सकती है। स्वस्थ किडनी यूरिया को फिल्टर करती है, लेकिन जब वे ऐसा करने में असमर्थ होती है, तो ऐसे में मुंह में बदबू पैदा करती है। किडनी रोग के कारण शरीर में मेटाबॉलिक बदलाव आने लगते हैं। इससे शरीर में ड्राय माउथ यानी मुंह सूखने की समस्या होती है, जिसने सांसों में बदबू आने लगती है।
फेफड़ों में संक्रमण भी सांस की बदबू का कारण बन सकता है। फेफड़ों का संक्रमण होने पर जब बलगम बाहर निकलता है तो इससे मुंह से बदबू आ सकती है। ब्रोंकाइटिस तब होता है जब ब्रोन्कियल ट्यूब संक्रमित हो जाता है और सूज जाता है। इस स्थिति में गंभीर रूप से खांसी आने लगती है, जिसकी वजह से बलगम और सांस बदबूदार हो जाते हैं। निमोनिया भी फेफड़ों में जीवाणु या वायरल संक्रमण है। जब फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं, तो वायु की थैली फूल जाती है। यह कफ से भर जाती है और मुंह की बदबू का कारण बनती है।
लिवर शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। यदि लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो ब्लड स्ट्रीम में टॉक्सिन बन जाते हैं और मुंह से दुर्गंध आ सकती है। गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग, एक लंबे समय तक प्रभावित करने वाला पाचन संबंधी रोग है। यह तब होता है जब पेट में एसिड भोजन नली में वापस चला जाता है। इसके लक्षणों में अक्सर सीने में जलन, गले में गांठ का एहसास, छाती में दर्द, निगलने में कठिनाई, सूखी खांसी, आवाज बैठना आदि शामिल हैं।