उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का सोमवार को बुलंदशहर जिले के नरौरा में गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
कल्याण सिंह के पुत्र और एटा से भाजपा सांसद राजवीर सिंह ने जय श्री राम और कल्याण सिंह अमर रहे के नारों के बीच उन्हें मुखाग्नि दी। कल्याण सिंह के पौत्र राज्यमंत्री संदीप सिंह भी मुखाग्नि प्रक्रिया में शरीक रहे।
अतरौली स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह से एक लंबे काफिले के साथ कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार को दोपहर के उपरांत नरौरा पहुंचा। इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अलीगढ़ के अतरौली पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के नायक कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनके निधन से दबे, कुचले और पिछड़ों ने अपना एक हितचिंतक खो दिया है।
नरौरा घाट पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट समेत उत्तराखंड के कई प्रमुख नेताओं ने कल्याण सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित कर अंतिम विदाई दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत राज्य के कई प्रमुख नेता शव यात्रा के साथ लगातार बने रहे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से राजनाथ सिंह, उप राष्ट्रपति की ओर से स्मृति ईरानी और प्रदेश की राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्प चक्र अर्पित किया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार की रात सवा नौ बजे लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया था। वह 89 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार थे।
इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज अलीगढ़ के अतरौली स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में पहुंचे और कल्याणसिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शाह ने कहा कि आज मैं कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए आया हूं। कल्याण सिंह का इस दुनिया से जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह के जाने के साथ ही भाजपा ने अपना एक दिग्गज और हमेशा संघर्षरत रहने वाला नेता खोया है। देश भर के दबे कुचले और पिछड़ों तथा विशेषकर उत्तर प्रदेश के दबे कुचले पिछड़ों ने अपना एक हित चिंतक गंवाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के कल्याण सिंह बड़े नेता रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए सत्ता त्याग करने में तनिक भी उन्होंने नहीं सोचा।
पुरानी स्मृतियों को ताजा करते हुए शाह ने कहा कि जब राम जन्मभूमि का शिलान्यास हुआ तो उसी दिन बाबूजी से बात हुई तो बड़े हर्ष और संतोष से उन्होंने बताया कि आज मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हुआ। उनका पूरा जीवन विकास और उत्तर प्रदेश के लोगों को लिए समर्पित रहा। उत्तर प्रदेश को अच्छा प्रदेश बनाने के लिए वह कार्यरत रहे।
उन्होंने कहा कि गरीब तबके से उठकर इतना बड़ा नेता बनना, विचारधारा के लिए संघर्ष करना, समाज के लिए समर्पित रहना, यह सब हम सब भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा की चीजें रहेंगी। भाजपा के अंदर एक बड़ी रिक्तता बन गई है और इसे भर पाना लंबे समय तक मुश्किल होगा।
शाह ने कहा कि काफी समय से सक्रिय राजनीति में न रहते हुए भी जिस प्रकार जनसैलाब उन्हें श्रद्धांजलि देने आया, विशेषकर युवा, वह यही साबित करता है कि यूपी के सार्वजनिक जीवन पर उन्होंने एक गहरी छाप छोड़ी है। हम हृदय से गहरी श्रद्धांजलि देते हैं और वादा करते हैं कि गरीबों, पिछड़ों और दबे कुचलों के लिए संघर्षरत रहेंगे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कल्याण सिंह व्यक्ति नहीं, संस्था थे। आंदोलन थे। उनके दिमाग में गरीब, किसान, पिछड़े और शोषित के कल्याण की भावना थी। वह केवल उनके नेतृत्व में ही नहीं, उनकी कविताओं में भी प्रदर्शित होती थी। उन्होंने क्रांति का शंखनाद किया था।
चौहान ने कल्याण सिंह की एक कविता भी सुनाई और कहा कि सामान्य परिवार में जन्म लेकर यूपी के मुख्यमंत्री तक का सफर और अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प उनके बिना पूरा नहीं हो सकता था। उन्होंने मध्य प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह ने कहा कि राजनीति में ऐसे सच्चे नेता विरले होते हैं, जिन्हें जनसमर्थन प्राप्त होता है और उनके प्रति सच्ची श्रद्धा होती है।