लखनऊ। प्रधानमंत्री आयुष्मान जन आरोग्य योजना (Ayushman Yojna ) कैंसर के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत लखनऊ के राजधानी अस्पताल में कैंसर के एक हजार मरीजों की सर्जरी की गयी है।
राजधानी अस्पताल के कैंसर सर्जन डा. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कैंसर के इलाज में आपरेशन के अलावा रेडियोथेरेपी ही इतनी महंगी होती है कि सभी मरीज उसका खर्च वहन नहीं कर पाते हैं। आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) से अब गरीब मरीज भी अपना इलाज निजी अस्पताल में भी करा पा रहा है।
डा. मनोज ने बताया कि अभी तक हमने राजधानी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारक एक हजार से अधिक कैंसर मरीजों की सर्जरी की। उन्होंने बताया कि अगर प्रथम व दूसरे चरण में ही कैंसर की पहचान कर ली गयी तब तो उसका उपचार संभव है अन्यथा दवाओं के बल पर केवल मरीज को दर्द से राहत दी जा सकती है कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि कुछ चिकित्सकों की गलती के भी कारण कैंसर लाईलाज हो जाता है। क्योंकि प्रारम्भिक अवस्था में कुछ चिकित्सक भी कैंसर की पहचान नहीं कर पाते हैं। इसलिए जरूरी है कि पीएमएस के चिकित्सकों को भी कैंसर की पहचान के लिए प्रशिक्षण देने की जरूरत है।
गलत आदतों के कारण होता है मुंह का कैंसर : डा. यूएस पाल
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत चिकित्सक डा. यूएस.पाल ने बताया कि गलत आदतों के कारण मुंह का कैंसर होता है। इसके लिए जरूरी है कि मुंह की सफाई का विशेष ध्यान रखें। तम्बाकू व धूम्रपान से बचें और मुंह का स्वयं परीक्षण करते रहें। मुंह के किसी हिस्से में होने वाले दर्द को नजरंदाज न करें उस स्थान को ठीक से देखें।
डा. यूएस पाल ने बताया कि सभी कैंसरों में मुंह का कैंसर सबसे जल्दी पता चल जाता है । कैंसर की पहचान के लिए चिकित्सक बायोपेस्सी लिखते हैं। मरीजों को बायोप्सी से डरना नहीं चाहिए। क्योंकि जरूरी नहीं है कि चिकित्सक ने बायोप्सी लिखी है तो कैंसर ही होगा।
कैंसर विशेषज्ञ डा. नीरज टण्डन ने बताया कि महिलाओं को गाल ब्लेडर का कैंसर सबसे अधिक होता है। एक शोध का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि पानी में आर्सेनिक की मात्रा अधिक होने से गाल ब्लेडर का कैंसर होता है। पित्त की थैली में होने से इसका उपचार करना कठिन होता है। यह कैंसर तेजी से फैलता भी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डा. जे.डी.रावत ने आईएमए भवन सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि तम्बाकू व शराब का सेवन करने और फलों व सब्जियों का सेवन कम करने व बढ़ते प्रदूषण के कारण कैंसर बढ़ रहा है। डा. पी.के गुप्ता ने बताया कि कैंसर के उपचार में जांच का विशेष महत्व होता है।