देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु (SS Sandhu) ने कहा कि आयुर्वेद स्वस्थ जीवन शैली का आधार है, जो तनाव मुक्त जीवन जीने को बढ़ावा देता है। आयुर्वेद व ऐलोपैथी पद्धति को आपस में तालमेल बनाकर बेहतर इलाज किया जा सकता है।
मुख्य सचिव डॉ. संधु (SS Sandhu) सोमवार को उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ के बाद संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय तथा एचएनबी उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के बनाये गये प्रशिक्षण मॉड्यूल का विमोचन भी किया गया।
इस दौरान मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने आयुर्वेद पद्धति के महत्व पर विशेष बल देते हुए कहा कि प्राचीन समय से ही आयुर्वेद से चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। मुख्य सचिव ने प्रशिक्षुओं को बताया कि आयुर्वेद रोगों के इलाज के बजाय रोकथाम पर अधिक बल देता है। योग और आयुर्वेद के अनुरूप जीवन शैली अपनाकर हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
मुख्य सचिव ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अवसाद डिप्रेशन को कम करने के लिये आयुर्वेद में मौजूद चिकित्सकीय इलाज को अपनाकर स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।
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कार्यक्रम में सचिव स्वास्थ्य डाॅ. आर राजेश कुमार, सचिव आयुष डाॅ. पंकज कुमार पाण्डे, कुलपति एचएनबी उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो.हेमचन्द पाण्डे, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो. सुनील कुमार जोशी, स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. विनीता शाह, एनएचएम निदेशक डाॅ. सरोज नैथानी, डा. अजय कुमार नगरकर, प्रो. अनूप कुमार गक्खड, प्रो. पंकज कुमार शर्मा, प्रो. डीसी सिंह, डाॅ. दीपक कुमार सेमवाल, डाॅ. आशुतोष चौहान, चन्द्रमोहन पैन्युली, डाॅ. राजीव कुरेले, डाॅ.एचएम चन्दोला, डाॅ. नन्द किशोर दाधिच, डाॅ. अमित तमादड्डी आदि मौजूद रहे।