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सौर ऊर्जा से रोशन होंगे अयोध्या, गोरखपुर व वाराणसी शहर

Solar Power Plant

Solar Tree

लखनऊ:  प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत नरेन्द्र भूषण (Narendra Bhushan) की अध्यक्षता में सोलर सिटी (Solar City) कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में नगर निगमों से प्राप्त प्रस्तावों पर विचार करने हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक गुरूवार को बापू भवन सचिवालय स्थित उनके कार्यालय कक्ष में हुई। उल्लेखनीय है कि सोलर सिटी कार्यक्रम के अन्तर्गत अयोध्या, गोरखपुर एवं वाराणसी शहरों की कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत सौर ऊर्जा से प्राप्त किया जाना है।

बैठक में नगर निगम अयोध्या में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट (Solar Street Light) , नगर निगम गोरखपुर में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर हाई मास्ट एवं सोलर स्ट्रीट लाइट तथा नगर निगम वाराणसी में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर हाई मास्ट, सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर ट्री एवं वॉटर किऑस्क की स्वीकृति प्रदान करने के साथ अन्य प्रस्तावों पर सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गयी।

उल्लेखनीय है कि अयोध्या सोलर सिटी के अन्तर्गत सरयू नदी के तट पर स्थापित हो रहे 40 मेगावाट सोलर पावर प्लान्ट (Solar Power Plant) में से 14 मेगावाट की स्थापना हो चुकी है, शेष 26 मेगावाट का कार्य प्रगति पर है। साथ ही अयोध्या, गोरखपुर व वाराणसी में ’’पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ के अन्तर्गत घरेलू क्षेत्र के उपभोक्ताओं को आच्छादित करने हेतु क्रमशः 50000, 75000 तथा 75000 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसको प्राप्त करने हेतु नगर निगम एवं मुख्य विकास अधिकारी को कार्ययोजना तैयार करने तथा इसके बृहद प्रचार-प्रसार करने के निर्देश प्रदान किये गये। यूपीनेडा द्वारा उक्त योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु प्रचार सामग्री तैयार कराकर जिला प्रशासन को उपलब्ध करायी जायेगी। प्रदेश में 25 लाख घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस योजना के अन्तर्गत केन्द्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जा रहा है, इसमें 01 कि0वाट का सोलर संयंत्र लगवाने के लिए केन्द्र से 30 हजार और राज्य से 15 हजार कुल 45 हजार रूपये का अनुदान मिल रहा है। 02 कि0वाट के लिए केन्द्र से 60 हजार और राज्य से 30 हजार कुल 90 हजार रूपये का अनुदान मिल रहा है। 03 कि0वाट के लिए केन्द्र से 78 हजार और राज्य से 30 हजार कुल 1,08000 हजार रूपये का अनुदान मिल रहा है। 03 कि0वाट से अधिक के लिए केन्द्र से 78 हजार और राज्य से 30 हजार कुल 1,08000 हजार रूपये का अनुदान दिया जा रहा है।

संयंत्र स्थापना हेतु बैंकों द्वारा 07 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। संयंत्र का अनुमानित मूल्य लगभग रू0 60 हजार प्रति किलोवाट है। उपभोक्ता 03 कि०वा० का संयंत्र मात्र 1100 रु० की ईएमआई से स्थापित करा सकते हैं। सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने से विद्युत बिल में दो-तिहाई की बचत होती है।

उपभोक्ता द्वारा संयंत्र लगाने में व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति बचत के रूप में 3-4 वर्षों में हो जाती है। संयंत्र की अवधि 25 वर्ष की होती है। अतः शेष वर्षों तक संयंत्र से उत्पादित विद्युत उपभोक्ता को निःशुल्क प्राप्त होती है। 03 कि०वा० के संयंत्र से 25 वर्षों में लगभग 10 लाख की बचत होगी।

यूपीनेडा के इम्पैनल्ड वेण्डर से सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना कराने पर उपभोक्ता को संयंत्र की स्थापना के उपरांत केन्द्र एवं राज्य सरकार के अनुदान उनके खातों में प्राप्त होता है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए नेशनल पोर्टल https://pmsuryaghar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इम्पैनल्ड वेण्डर के अतिरिक्त किसी अन्य वेण्डर से संयंत्र स्थापित कराने पर कोई भी अनुदान अनुमन्य नहीं होगा।

बैठक में यूपीनेडा के अधिकारियों के साथ संबंधित जिलो के सीडीओ तथा नगर निगमों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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