अयोध्या। बीते नौ नवंबर को राममंदिर के विवादित जमीन का ऐतिहासिक फैसला हुआ था। जिसके खिलाफ कई लोगों ने पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थी। उन्ही दायर की गयी पुनर्विचार याचिकाओं पर आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई हुई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई में अयोध्या मामले पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट में में कुल 19 याचिकाएं दाखिल हुई थीं। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये फैसला सुनाया। सर्वोच्च अदालत ने नौ नवंबर को अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
पीठ में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे। जस्टिस खन्ना को छोड़कर बाकी सदस्य मामले में फैसला देने वाली संविधान पीठ का हिस्सा थे। जस्टिस खन्ना को 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए सीजेआई रंजन गोगोई की जगह शामिल किया गया है।
इन सब दायर के थी पुनर्विचार याचिका
मोहम्मद सिद्दीक, फारूख अहमद, मौलाना मुफ्ती हसबुल्लाह, मिस्बाद्दीन, हाजी महबूब अहमद, मौलाना महफूजुर्रहमान हाजी असद अहमद, अखिल भारत हिंदू महासभा, शिया सेंट्रल बोर्ड, डॉक्टर मोहम्मद अयूब, तहरीक फारुख ए इस्लाम, अब्दुल अनीस अंसारी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ऑफ इंडिया दल चंद कपिल, अंबरीश कुमार व सम्राट प्रियदर्शी यूथ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल लीग, प्रभात पटनायक सहित 40 नामचीन हस्तियों द्वारा सामूहिक रूप से पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गई थीं।
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पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से 2.77 एकड़ विवादित भूमि रामलला को देने का फैसला सुनाया था। साथ ही केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था।