नई दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई हो रही है। बुधवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने जिरह पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर की समय सीमा बताई है। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि बहस पूरी होने के बाद हमें फैसला लिखने के लिए चार हफ्तों का समय लगेगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मामले में सुनवाई समाप्त करने के लिए अस्थायी तारीखों के अनुमान के अनुसार ही हम कह सकते हैं कि 18 अक्टूबर तक सारी बहस पूरी होने की संभावना है।
Ayodhya land dispute case: Chief Justice of India Ranjan Gogoi says, "as per the estimate of tentative dates to finish the hearing in the case, we can say that the submissions have to be likely completed by October 18." pic.twitter.com/cj40Tb979r
— ANI (@ANI) September 18, 2019
दो पक्षों ने अदालत से ममाले को मध्यस्थता पैनल के पास भेजने के लिए पत्र लिखा
कोर्ट ने कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई बहुत आगे पहुंच गई है इसलिए रोजाना के आधार पर कार्रवाई जारी रहेगी। दो पक्षों ने अदालत से ममाले को मध्यस्थता पैनल के पास भेजने के लिए पत्र लिखा है। जिस पर अदालत ने कहा कि यदि पक्ष मध्यस्थता के जरिए अयोध्या मामला सुलझाने के इच्छुक हैं, तो वह ऐसा कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला की अगुवाई में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल के समक्ष हो रही सुनवाई गोपनीय रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि मध्यस्थता की कोशिशों के लिए मामले की सुनवाई को रोका नहीं जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि मध्यस्थता की कोशिशों के लिए मामले की सुनवाई को रोका नहीं जाएगा। सुनवाई के साथ ही समानांतर रूप से मध्यस्थता की कोशिशें जारी रह सकती हैं। रंजन गोगोई ने बहस के लिए डेडलाइन तय कर दी है, इसके बाद माना जा रहा है कि देश के राजनीतिक और संवेदनशील मामले पर जल्द फैसला आ सकता है। सीजेआई गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में लग रहा है सेवानिवृत्त होने से पहले वह इस मामले पर फैसला दे सकते हैं।
ड्रीम गर्ल का बॉक्स ऑफिस पर जलवा बरकरार, जाने पांचवें दिन का कलेक्शन
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 18 अक्टूबर तक सभी दलीलें और सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए
केवल इतना ही नहीं शीर्ष अदालत ने रोजाना सुनवाई का एक घंटा बढ़ाने और जरूरत पड़ने पर शनिवार को भी सुनवाई करने का सुझाव दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 18 अक्टूबर तक सभी दलीलें और सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए ताकि फैसला लिखने के लिए एक महीने का समय मिल सके। उन्होंने कहा कि हमें मध्यस्थता के लिए पत्र मिला है। इन कोशिशों को समानांतर तौर पर जारी रखा जा सकता है।