जाली नोटों का अवैध कारोबार करने वाले तस्करों ने लॉकाडाउन के बाद सूबे में एक बार फिर अपनी जड़ें मजबूत करनी शुरू कर दी है। इसका खुलासा आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा पांच दिन पूर्व नोएडा से गिरफ्तार किये गये जाली नोटों के सौदागर सदर अली ने पूछताछ में किया है एटीएस को सदर की फरार पत्नी की सरगर्मी से तलाश है उस पर पच्चीस हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है इसके साथ ही एटीएस सदर के अन्य साथियों की भी तलाश की जा रही है।
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एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सदर अली की पत्नी मुमताज की तलाश में टीमें लगायी गयी हैं। गिरफ्तार किये गये सदर अली ने अपना नेटवर्क बरेली, कानपुर नगर व लखनऊ समेत अन्य शहरों में फैला रखा था। वह यूपी के कई तस्करों को पाकिस्तान से आने वाले जाली नोटों की सप्लाई करता था। बीते कुछ माह में भी नकली नोटों की सप्लाई किए जाने के तथ्य सामने आए हैं। सदर के जरिये इस गिरोह से जुड़े सप्लायरों की तलाश की जा रही है। पूर्व में पकड़े गए कई तस्करों के बारे में भी पड़ताल शुरू की गई है।
गिरफ्तार किये गये तस्कर सदर से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यूपी में बांदा से जुड़े कई गिरोह पश्चिम बंगाल से जाली नोट लाकर उनकी सप्लाई लखनऊ समेत अन्य शहरों, एनसीआर व दिल्ली तक कर रहे हैं। पूर्व में इस गिरोह के कई सदस्य पूर्व में पकड़े भी जा चुके हैं। उनसे भी पूछताछ में सामने आया था कि जाली नोट पाकिस्तान से बंगलादेश व नेपाल के जरिये यहां सप्लाई किए जा रहे हैं।गौरतलब है कि जाली नोटों की तस्करी में वांछित चल रहे मालदा (पश्चिम बंगाल) निवासी 25 हजार रुपये के इनामी सदर अली को 24 मार्च को एटीएस ने नोएडा के महामाया फ्लाई ओवर के पास गरिफ्तार किया था।
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सदर अली को इससे पूर्व पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वर्ष 2010 में चार लाख रुपये के जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था। तब वह तीन माह बाद जमानत पर छूटकर बाहर आ गया था। इससे पहले एक नवंबर 2020 को तहसीन खान व वसीम खान को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 5.97 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए थे। गिरफ्तार तस्करों के विरुद्ध एटीएस के लखनऊ स्थित थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। एटीएस अधिकारियों के अनुसार तहसीन व वसीम से पूछताछ में सामने आया था कि उन्हें जाली नोट पश्चिम बंगाल में सदर अली व उसकी पत्नी मुमताज से मिले थे।