नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार का शोर गुरुवार शाम छह बजे विराम लग गया। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। दिल्ली की सड़कों पर जगह-जगह रोड शो, जनसभा, भाषण के माध्यम से प्रचार नजर आया।
कांग्रेस के किसी बड़े चेहरे ने प्रचार के आखिरी दिन मैदान में उतरने की जरूरत नहीं समझी
भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान, महाबली खली, सनी देओल और मनोज तिवारी जैसे नेता डटे रहे। वहीं आम आदमी पार्टी के लिए केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत सभी उम्मीदवारों ने जमकर प्रचार किया। कांग्रेस आज भी थोड़ी नर्म ही नजर आई। कांग्रेस के किसी बड़े चेहरे ने प्रचार के आखिरी दिन मैदान में उतरने की जरूरत नहीं समझी।
नियमों के अनुसार अब नेता चुनाव तक किसी भी तरह की रैली, जनसभा या सार्वजनिक मंच से संबोधन, भाषण या साक्षात्कार नहीं दे सकते हैं। केवल घर-घर जाकर लोगों से मतदान की अपील जरूर की जा सकती है।
चुनाव आयोग की सभी तैयारियां पूरी
बता दें कि दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने मतदान से जुड़ी तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं। नई सरकार चुनने के लिए दिल्ली के मतदाता तैयार हैं। 8 फरवरी को मतदान होगा। इसके लिए 2689 स्थानों पर 13750 मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं।
चुनाव कराने के लिए निर्वाचन कार्यालय लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। सुबह 8 से शाम 6 बजे तक मतदान किया जा सकेगा। 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। हर विधानसभा में एक आदर्श मतदान केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
ऐसा होगा आदर्श मतदान केंद्र
मतदान केंद्रों पर लोगों को आकर्षित करने के लिए 70 मॉडल मतदान केंद्र (प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक) स्थापित किए जा रहे हैं। यहां पर मेडिकल किट, क्रेच, रैंप, व्हीलचेयर आदि उपलब्ध रहेगा। प्रत्येक बूथ को सुसज्जित कर उन्हें हर लिहाज से आकर्षक बनाया जाएगा। यहां महिला स्टाफ की तैनाती होगी। इसे पिंक बूथ भी कहा जाएगा।
इस राशि वाले भूलकर भी न पहनें काला धागा, हो सकता है भारी नुकसान
बुजुर्गों के लिए खास व्यवस्था
बुजुर्गों को लाने ले जाने की सुविधा प्रदान की जाएगी। एक मतदान अधिकारी को विशेष रूप से 100 वर्ष से अधिक के मतदाता के लिए नामित किया जाएगा। उस अधिकारी की जिम्मेदारी ऐसे मतदाताओं के घर से लाकर उन्हें मतदान के बाद सुरक्षित घर तक पहुंचाने की होगी। 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के दिल्ली में 204830 मतदाता हैं, इनमें से जिनकी उम्र 100 या उससे अधिक है उनकी संख्या 147 है।
हर जिले में दिव्यांगों के लिए होगा एक बूथ
दिव्यांग मतदाताओं के लिए हर जिले में एक बूथ तैयार किया जा रहा है। 11 बूथ ऐसे होंगे जहां सभी कर्मचारी से लेकर सुरक्षा जवान तक दिव्यांग होंगे। यहां दिव्यांग मतदाताओं के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं। इन 11 बूथ पर मतदाताओं को अद्भुत तकनीक का अनुभव होगा।
यहां क्यू आर कोड से मतदान हो सकेगा। फोटो वोटर पर्ची पर ये क्यूआर कोड अंकित होगा। दिल्ली में दिव्यांग मतदाता 50473 हैं, जबकि 4763 दृष्टिहीन मतदाता हैं। इनके लिए ब्रेल एपिक जारी किए हैं। दिव्यांग मतदाताओं के लिए 85 साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर होंगे।
एक लाख से ज्यादा कर्मचारी कराएंगे मतदान
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन जुटाए गए हैं। एक लाख से अधिक मतदान अधिकारी और कर्मचारी पूरी चुनावी प्रक्रिया की देखरेख करेंगे। सुरक्षा के लिए अर्द्घसैनिक बल की 190 कंपनियां, 3800 दिल्ली पुलिस और 19000 होमगार्ड तैनात किए जाएंगे। दिल्ली में करीब 3 हजार से ज्यादा संवेदनशील बूथ हैं, जहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं।
कुल मतदाता : 1,47,86,382
पुरुष : 81,05,236
महिला : 66,80,277
थर्ड जेंडर : 869
- सबसे अधिक मतदाताओं वाली विधानसभा सीट : मटियाला (4,23,682 मतदाता)
- सबसे कम मतदाताओं वाली सीट : चांदनी चौक (1,25,684 मतदाता)
- लोकसभा चुनाव के बाद बढ़े मतदाता : चार लाख 69 हजार 929
- 18 से 19 वर्ष के बीच फर्स्ट टाइम वोटर : 2,32,815
- सेवा मतदाता : 11,608
कुल मतदान बूथ : 13,750
संवेदनशील बूथ : 3841
मतगणना केंद्र : 27