लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के तत्वावधान में गोमती नदी के झूलेलाल घाट पर छठ महोत्सव ( Chhath Mahotsav) का आयोजन किया गया। लोक संगीत और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाले वरिष्ठ जनों, युवाओं और कलमकारों का सम्मान किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के अध्यक्ष परमानंद पांडेय ने कहा कि वरिष्ठ जनों, युवाओं और कलमकारों का सम्मान करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति त्याग और तपस्या की है। जिन वरिष्ठजनों और कलमकारों का सम्मान किया जा रहा है, उनके सामाजिक अवदान के समक्ष यह सम्मान कुछ भी नहीं है। युवा भोजपुरी की धरोहर को न केवल संभल रहे हैं बल्कि वे भविष्य में भारतीय संस्कृति, सभ्यता और परंपरा को बचाने का काम करेंगे। ऐसे में इन्हें सम्मानित कर मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। आज घाट पर छठव्रती महिलाओं और उनके साथ आए परिजनों की सेवा—सहायता कर न्यास खुद को कृतकृत्य महसूस कर रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास की ओर से बुधवार को ख्यातिलब्ध संगीतकार केवल कुमार, संगीतज्ञ डॉ. कमला वास्तव, न्यास की संरक्षिका शशिलेखा सिंह, प्रख्यात लोक गायिका विमल पंत और पद्मा गिडवानी को भोजपुरी लोककला सम्मान से अलंकृत किया गया जबकि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विद्याबिंदु सिंह को भोजपुरी साहित्य सम्मान से नवाजा गया।
संरक्षक वीरेंद्र प्रसाद पांडेय, हरीश कुमार वास्तव और क्षेत्रीय पार्शद रंत सिंह को भोजपुरी लोक आस्था सम्मान प्रदान किया गया।
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इसके अतिरिक्त नीरज पांडेय, प्रसून पांडेय,दिव्यांशु दूबे, उषाकांत मिश्र, मानस द्विवेदी, अनिल कुमार पांडेय, राहुल राज रस्तोगी, राजेश मासी, शुभम कुमार, पुनीत निगम और नित्यानंद पांडेय भोजपुरी संघतिया पुरस्कार से सम्मानित किए गए। लोकगायक सुरेश कुशवाहा, जया, हरिओम उपाध्याय और रामपाल निषाद को भोजपूरी कला सम्मान से विभूषित किया गया। वहीं यूपी पुलिस के राहुल तिवारी और अजय कुमार सोनकर को भोजपुरी लोक आस्था सम्मान दिया गया। अंबुज अग्रवाल, मंजु यादव, मधु वास्तव, इंदु रायजादा,मंजु रीवास्तव, कल्पना सक्सेना, आशा वास्तव, कंचन वास्तव, सीमा अग्रवाल, गीता वास्तव, रीता वास्तव, रूपाली वास्तव, अंजली सिंह, रेनू दुबे, सुमन पांडेय और तन्नू कुमारी को भोजपुरी लोककला सम्मान से अलंकृत किया गया।
इस अवसर पर मधु पाठक, शीला पांडेय, दुर्गा प्रसाद दूबे, दिग्विजय मिश्र, राधेश्याम पांडेय, जेपी सिंह, ब्रह्मानंद पांडेय, नित्यानंद पांडेय, अखिलेश द्विवेदी, दशरथ महतो, उमाकांत मिश्र, सुदर्शन दुबे, रमेश मिश्र आदि अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के पदाधिकारी और न्यासी सदस्य भी मौजूद रहे।