राष्ट्रीय डेस्क. आज बुधवार को रिपब्लिक टीवी के चीफ सम्पादक अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अंतरिम जमानत दे दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट के जज धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और जज इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने अर्नब गोस्वामी की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें रिहा करने का फैसला सुनाया है.
बता दे की मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नायक और उनकी मां कुमुद नायक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुंबई पुलिस ने 4 नवंबर को अर्नब को गिरफ्तार किया था. ये मामला दो साल पुराना साल 2018 का है.
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आत्महत्या के लिए उकसाए जाने वाले आरोप के मामले में अर्नब सहित दो आरोपियों को भी जमानत मिल गई है. कोर्ट ने कहा, अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को 50,000- 50,000 रुपए के बांड पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है.शीर्ष अदालत ने जेल प्रशासन और कमिश्नर को आदेश का पालन होने को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”हम नहीं चाहते कि रिहाई में देरी हो और जेल प्रशासन को इसकी सुविधा देनी चाहिए. SC ने कहा कि अर्नब गोस्वामी, दो अन्य सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और आत्महत्या मामले की जांच में सहयोग करेंगे.”
सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि टीवी के तंज को नजर अंदाज भी किया जा सकता है. इस तरह किसी को टारगेट करके कार्रवाई करना उचित नहीं है क्योंकि यह व्यक्तिगत आजादी से संबंधित मामला है. बता दें कि सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर कोर्ट इस केस में दखल नहीं देता है, तो वो बरबादी के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. कोर्ट ने कहा कि ‘आप विचारधारा में भिन्न हो सकते हैं लेकिन संवैधानिक अदालतों को इस तरह की स्वतंत्रता की रक्षा करनी होगी वरना तब हम विनाश के रास्ते पर चल रहे हैं.’
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर तत्काल कोई फैसला सुनाने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट का ज़मानत न देना बिलकुल ग़लत था.