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16 वर्षों से कानपुर के रेलवे यार्ड में रखी हैं 7 घातक मिसाइलें

Dispose of missiles in wardha

Dispose of missiles in wardha

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित जूही कंटेनर डिपो में रखीं 70 मिसफायर और 7 एक्टिव मिसाइलों को अब महाराष्ट्र के वर्धा (Dispose of missiles in wardha) जिले में नष्ट करने की तैयारी चल रही है। कानपुर में इन मिसाइलों को निष्क्रिय करने के न तो संसाधन हैं और न ही उचित स्थान। लिहाजा सेना के नेतृत्व में वर्धा में इन्हें डिस्पोज (Dispose of missiles in wardha) किया जाएगा।

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महानगर के जूही स्थित इनलैंड कंटेनर डिपो में 16 सालों से बंद मिसाइलें रखी हुई हैं, जो विस्फोटक हैं। इनके विस्फोटक होने का आंकलन भी अभी तक नहीं हुआ है। कहा जा सकता है कि कानपुर बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। कई बार इसको लेकर वार्ताएं की गईं और पत्र लिखे गए, लेकिन हर जगह हीला-हवाली के अलावा इनके डिस्पोजल की योजना नहीं बनी। अब मामले को गंभीरता से लेते हुए जूही कंटेनर डिपो में रखें 70 मिस फायर और 7 एक्टिव मिसाइलों को वर्धा (महाराष्ट्र) में डिफ्यूज (Dispose of missiles in wardha) करने की योजना बनाई जा रही है।

2005 में यूएई मंगाई गई थी स्क्रैप

2005 में यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) से आईसीडी में आए कबाड़ में 7 जीवित और 70 मिस फायर मिसाइलें आ गई थी। 2005 में मैसर्स स्टील कंपनी में यूएसए मेटल स्क्रैप की एक बड़ी खेप मंगाई थी। स्क्रैप को जूही यार्ड के इनलैंड कंटेनर डिपो में उतारा गया था।वहीं जब कंटेनर खोला गया तो उसमें विस्फोटक निकलने से हड़कंप मच गया था।  उस वक्त यह माना गया था कि धोखे से स्क्रैप के साथ मिसाइल मिसफायर बम आउटसेल आ गए होंगे। इन विस्फोटकों को तब डिफ्यूज करने की बात कहकर कंटेनर में रख दिया गया था, लेकिन 16 साल बीत गए अभी तक सिर्फ हीला हवाली होती रही, लेकिन अब सेना की निगरानी में इनको महाराष्ट्र में डिफ्यूज (Dispose of missiles in wardha) किया जाएगा।

स्थानीय बम डिस्पोजल स्क्वाड ने खड़े किए थे हाथ

विस्फोट को डिफ्यूज (Dispose of missiles in wardha) करने के लिए लोकल पुलिस ने असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद इतनी शक्तिशाली मिसाइल को कंटेनर में बालू रखकर यार्ड में खड़ा कर दिया गया था। डेढ़ दशक में इसके डिफ्यूज करने के लिए कई बार वार्ता और लेटर लिखे गए, लेकिन फाइल एक विभाग से दूसरे विभाग ही घूमती रही।

हालांकि, बकायदा अपर मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार से डिफ्यूज करने के लिए मदद भी मांगी थी, जिसके बाद सेना की मदद से सभी मिसाइलों को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में ले जाकर डिफ्यूज (Dispose of missiles in wardha) करने की कवायद शुरू हो गयी है।

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