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मानवाधिकार कानून के लिए अत्यंत सम्मान का भाव रखती है सेना: बिपिन रावत

CDS General Bipin Rawat

CDS General Bipin Rawat

नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बल बहुत अनुशासित है। इसके साथ ही सेना मानवाधिकार कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के लिए अत्यंत सम्मान का भाव रखती है। इंडियन आर्म्ड फोर्सेज का लोकाचार इंसानियत और शराफत है। वह बेहद धर्मनिरपेक्ष हैं। यह बात थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत अक्सर अपने बयानों से  रहते हैं सुर्खियों में

बता दें कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। बता दें कि जनरल बिपिन रावत संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर गुरुवार को टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यदि नेता हमारे शहरों में आगजनी और हिंसा के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों सहित जनता को उकसाते हैं, तो यह नेतृत्व नहीं है।

सेना प्रमुख ने कहा था कि नेता जनता के बीच से उभरते हैं। नेता ऐसे नहीं होते जो भीड़ को अनुचित दिशा में ले जाएं। उन्होंने कहा था कि नेता वह होते हैं, जो लोगों को सही दिशा में ले जाते हैं। उनके इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने उनकी जमकर आलोचना की और उनके बयान को राजनीति से प्रेरित बताया।

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