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संसद के शीतकालीन सत्र में इलेक्टोरल बॉन्ड पर घमासान जारी, ई-सिगरेट पर प्रतिबंध का बिल पेश

इलेक्टोरल बॉन्ड

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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को पांचवा दिन है। संसद परिसर में कांग्रेस इलेक्टोरल बॉन्ड में पारदर्शिता लाए जाने को लेकर प्रदर्शन कर रही है। वहीं केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए लोकसभा में शुक्रवार को बिल पेश किया।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट विधेयक, 2019 पेश किया

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) के उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर प्रतिबंध वाला एक विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट विधेयक, 2019 पेश किया। यह विधेयक कानून के बाद हाल ही में इस संबंध में जारी अध्यादेश की जगह लेगा।

केंद्र सरकार ने लोगों, खासकर युवाओं को ई-सिगरेट से होने वाले सेहत संबंधी खतरों का उल्लेख करते हुए इन उत्पादों पर रोक लगाने के लिए सितंबर महीने में अध्यादेश जारी किया था। सरकार ने इसके साथ ई-हुक्के को भी प्रतिबंधित किया है। अध्यादेश में कहा गया है कि पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद अथवा एक लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों और अगले अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

सभापति ने दूसरे मंत्री के स्थान पर दस्तावेज पेश करने पर बालियान को टोका

राज्यसभा में शुक्रवार को उस समय सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा हो गयी जब एक मंत्री के स्थान पर दूसरे मंत्री ने आसन की अनुमति के बिना आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखने की कोशिश की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी के स्थान अन्य केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने मंत्रालय से संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखने पर आपत्ति जताई। सभापति ने निर्देश दिया कि एक मंत्री के स्थान पर दूसरे मंत्री द्वारा दस्तावेज पेश किए जाने की स्थिति में आसन से पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए। इस पर बालियान ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें 10 मिनट पहले ही इस संबंध में जानकारी मिली थी।

राज्यसभा में उठा जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा

राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जेएनयू में फीस बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाया और इसका विरोध कर रहे छात्रों पर कथित पुलिस कार्रवाई का विरोध किया जबकि भाजपा के एक सदस्य ने फीस विरोध के विरोध में चल रहे आंदोलन के औचित्य पर सवाल उठाया। शून्यकाल में माकपा के राज्यसभा सदस्य के के रागेश ने सभापति की अनुमति से जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए इस मामले में सरकार को उसके फैसले की समीक्षा करने का निर्देश देने का सुझाव दिया। इस दौरान भाजपा के प्रभात झा ने भी शून्यकाल के दौरान जेएनयू में फीस बढ़ोतरी और छात्रों के अधिकारों के नाम पर चल रहे आंदोलनों के औचित्य पर सवाल उठाया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि बंद होना चाहिए सिंगल यूज प्लास्टिक

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यह सदन 130 करोड़ देशवासियों का प्रतिनिधित्व करता है और मेरा मानना है कि पूरा सदन इस बात को मानेगा कि सिंगल यूज (एकल प्रयोग) प्लास्टिक को बंद कर देना चाहिए। यदि भारत के सांसद यह संकल्प लेते हैं तो यह संदेश इस देश के 130 करोड़ लोगों के बीच प्रसारित हो जाएगा।’

इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस का वॉकआउट

गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के विनिवेश और इलेक्टोरल बॉन्ड लो लेकर काफी हंगामा किया। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया था। कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा कराने और जेपीसी की जांच कराने की मांग की।

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