केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर लगातार हमला बोलने वाले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कोरोना को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था, रक्षा एवं स्वास्थ्य के मुद्दे पर पूरी तरह से नाकाम करार दिया। उन्होंने कहा- आज भाजपा ने जनसंघ से मिली अपनी मूल विचारधारा की उपेक्षा की है, जिससे विपक्षी दलों को फिर से नई उम्मीद मिली है।
उन्होंने कहा- भाजपा में दूसरी पार्टियों के आए दलबदलू नेता एवं नौकरशाह राज कर रहे हैं, पार्टी के वरिष्ठ एवं कर्मठ कार्यकर्ता बाहर बैठे हैं। इसके पहले स्वामी ने मोदी सरकार के पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को असंभव बताया, कहा- इसके लिए जीडीपी दर 14.8 प्रति वर्ष होनी चाहिए।
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इससे पहले भी अपने धारदार सवालो के घरे मे सरकार को ले चुके है लपेटे मे अबकी बार सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि सरकार को संसद में बताना चाहिए कि जिस इस्राइली कंपनी ने भारत में फोन टैपिंग की है, उससे केन्द्र सरकार का कोई संबंध नहीं है। यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो अमेरिका के वाटरगेट कांड की तरह सच्चाई सामने आएगी और भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। स्वामी जो कह रहे हैं, विपक्ष को भी उसी का जवाब चाहिए।
विपक्ष जानना चाहता है कि क्या केंद्र सरकार ने इस्राइल की कंपनी से कोई करार किया था? यदि किया था तो क्या था और इस्राइल की कंपनी ने क्या करार की शर्तों का कोई उल्लंघन किया है? विपक्ष जानना चाहता है कि आखिर इस्राइल की कंपनी ने किस अधिकार और व्यवस्था के तहत विपक्ष के भारतीय नेताओं, पत्रकारों समेत अन्य का फोन टैप किया? सनद रहे कि सुब्रमण्यम स्वामी ऐसे ही कोई सवाल नहीं उठाते।