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अपने पद के साथ न्याय करें, मोदी-शाह से भी सवाल करें- महुआ मोइत्रा

हंगामेदार मानसून सत्र के बाद वार-पलटवार का सिलसिला अभी भी जारी है। विपक्ष लगातार सदन के सभापति पर पक्षपात का आरोप लगा रहा है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी वेंकैया नायडू द्वारा विपक्षी सांसदों के व्यवहार को ‘अनियंत्रित’ और जल्द कार्रवाई करने के बयान पर टिप्पणी की।  मोइत्रा ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए उच्च सदन के सभापति से कहा कि सर, कृपया अपने पद के साथ न्याय करें और तटस्थ रहें।

उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह से पूछें कि वह मानसून सत्र के दौरान एक भी दिन क्यों नहीं आए, क्यों पेगासस पर जवाब नहीं दिया। सदन में हंगामा करने वाले सांसदों को लेकर नायडू ने कहा कि कार्रवाई की जाएगा, सदन चर्चा के लिए होता है, राजनैतिक लड़ाई सभा पटल पर नहीं लड़ी जाती।

बता दें कि हंगामेदार मानसून सत्र के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में वार-पलटवार का सिलसिला जारी है।  विपक्ष लगातार सदन के सभापति और अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगा रहा है। जान लें कि मानसूत्र के दौरान विपक्षी दल पेगासस और कृषि कानून समेत कई मुद्दों पर लामबंद होकर मोदी सरकार पर हमलावर रहे। जबरदस्त हंगामे के बीच मानसून सत्र को अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया गया।  सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में जोरदार बवाल मचा।

संसद में विपक्षी सांसदों के मार्शलों के साथ कथित मारपीट के सीसीटीवी फुटेज सामने आये, जिसके बाद सदन के सभापति और उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सांसदों पर जल्द ही कार्रवाई करने की बात कही। कहा कि सदन चर्चा के लिए होता है, यहां राजनैतिक लड़ाई सभा पटल पर नहीं लड़ी जानी चाहिए। राज्यसभा में 10 और 11 अगस्त को विपक्षी सांसदों ने भारी हंगामा किया था।

किसानों के नाम पर डर फैलाने के लिए लाल किले के सामने खड़ी की गई कंटेनर की दीवार- टिकैत

कृषि कानून रद्द करने की मांग करते हुए कुछ सांसदों और सदन में तैनात मार्शलों के बीच धक्कामुक्की की घटनाएं सामने आयी थीं। कुछ सांसदों ने मेज पर चढ़कर रूल बुक आसन की ओर फेंक दी थी। इस मामले पर चर्चा करते हुए श्री नायडू भावुक हो गए थे।

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