एंटीलिया केस में एनआईए ने चार्जशीट में सचिन वाजे और अन्यों की साजिश का पर्दाफाश किया, जिसमें तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह भी संदेह के घेरे में हैं। एक साइबर एक्सपर्ट के हवाले से कहा गया है कि परमबीर ने जैश उल हिंद की धमकी वाला फर्जी टेलीग्राम मैसेज बनाने के लिए साइबर एक्सपर्ट को पांच लाख रुपये दिए थे। सवाल उठ रहे हैं कि क्या परमबीर सिंह जांच को गुमराह करना चाहते थे।
सायबर एक्सपर्ट के स्टेटमेंट के मुताबिक, उसे कहा गया था कि वो अपनी रिपोर्ट में यह बात बताए की एंटीलिया कांड के बाद जैश उल हिंद ने जिम्मेदारी लेने के लिए उसी टेलीग्राम चैनल का इस्तेमाल किया था जिस चैनल का इस्तेमाल दिल्ली में इजरायल के दूतावास के सामने हुए धमाके के बाद किया गया था।
इस मामले में पहले जिस तरह से क्राइम ब्रांच के सचिन वज़े, परमबीर सिंह के साथ काम कर चुके एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा और बाकी कुछ पुलिस अधिकारियों का नाम सामने आया था, उसी दौरान जांच एजेंसियों के शक की सुई तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर भी गई थी. हालांकि NIA ने अपनी चार्जशीट में परमबीर सिंह के रोल के बारे में कुछ भी नहीं लिखा है। एजेंसी ने उस सायबर एक्सपर्ट का बयान 5 अगस्त को दर्ज किया था।
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साइबर एक्सपर्ट ने कहा, ‘मैं देशभर के कई IPS अधिकारियों को सायबर वर्ल्ड से जुडी ट्रेनिंग देता हूं। मैं अपने पेशे की वजह से कई इंटेलिजेंस एजेंसी के साथ काम करता हूं। 9 मार्च 2021 को मैं मुंबई सीपी दफ्तर में ट्रेनिंग से जुड़े काम के लिए गया था। वहां मैंने तत्कालीन सीपी परमबीर सिंह को बताया की टेलीग्राम चैनल ‘जैश-उल-हिंद’ जिस पर 27 फरवरी को एंटीलिया कांड की जिम्मेदारी का दावा करते हुए एक पोस्ट दिखा था, उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सॉल्व किया गया है। मैंने सीपी सर को बताया कि दिल्ली स्थित इजराइल एंबैसी के पास हुए धमाके के बाद साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में मैं भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ काम कर रहा था। तब भी मैं इसी तरह के नाम के एक टेलीग्राम चैनल को फॉलो कर रहा था। ‘