- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हिसाब से हल हो चुका है मामला, जल्द सार्वजनिक की जाएगी पूरी साजिश।
- वाजे छोटा मोहरा असली आका कोई और, एनआईए व एटीएस, ठीक से नहीं कर रहे जांच: फडणवीस
- एक अन्य ‘खिलाड़ी’ से निर्देश लेता था वाजे।
वाजे ने की थी सबूत मिटाने की कोशिश
एनआईए (NIA) अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि अंबानी के घर के करीब विस्फोटकों से लदी कार के करीब सीसीटीवी फुटेज में पीपीई किट में दिखे व्यक्ति के सचिन वाजे ही होने की संभावना लग रही है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। एनआईए अधिकारियों ने यह दावा मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के करीब पार्किंग में से जब्त की गई काली मर्सिडीज कार की तलाशी के बाद किया।
इस कार में से पांच लाख रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन, दो नंबर प्लेट, कुछ कपड़े और कैरोसिन तेल से भरी एक बोतल मिली थी। एनआईए अधिकारियों का मानना है कि पीपीई किट के नीचे कुर्ता-पाजामा पहना गया था। ये कपड़े जलाकर सबूत मिटाने के लिए ही कैरोसीन तेल का इस्तेमाल किया गया। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि वाजे के केबिन से मिले लैपटॉप में भी सारा डाटा डिलीट कर दिया गया था और उसने अपना मोबाइल फोन भी सबूत मिटाने के लिए ही कहीं फेंक दिया था। जांच एजेंसी ने सीआईयू कार्यालय में तलाशी के दौरान इस मामले में इस्तेमाल किए गए दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनमें कांट छांट की गई है।
तीन गाड़ियां बरामद, दो की तलाश जारी
एनआईए (NIA) को इस मामले में अब तक तीन गाड़ियां मिली हैं, जिनमें एक विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो, एक इनोवा और एक मर्सिडीज शामिल है। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अभी एक अन्य मर्सिडीज कार और एक स्कोडा कार की भी तलाश है, जो इस मामले से जुड़ी हुई हैं।
घटनाक्रम का नाट्य रूपांतरण करके देखा गया
एनआईए (NIA) ने बुधवार को सारे सिरे आपस में जोड़ने के लिए पूरे घटनाक्रम का नाट्य रूपांतरण भी शुरू किया। एनआईए की एक टीम सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के ठाणे स्थित घर गई तो दूसरी टीम उसे साथ लेकर गिरगांव चौपाटी और माहिम खाड़ी पहुंची। वाजे को कुछ स्थानों पर ले जाकर पैदल मार्च भी करवाया ताकि पीपीई किट वाले संदिग्ध के वाजे ही होने की पुष्टि हो सके। सूत्रों का कहना है कि एनआईए को शक है कि पीपीई किट में वाजे ही था और उसने पीपीई किट माहिम की खाड़ी में फेंक दी होगी।
रियाज काजी से चौथे दिन भी हुई पूछताछ
अपराध शाखा के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर रियाजुद्दीन काजी से लगातार चौथे दिन पूछताछ की गई। सीआईयू के एपीआई प्रकाश होवाल भी दोपहर में एनआईए के सामने पेश हुए। काजी ने अंबानी के घर के निकट विस्फोटक मिलने के दो दिन बाद 27 फरवरी को ठाणे के साकेत आवासीय सोसाइटी से सीसीटीवी के डिजिटल वीडियो रिकॉर्ड (डीवीआर) एकत्रित किए थे। वाजे इसी सोसायटी में रहते हैं। एनआईए को संदेह है कि डीवीआर उन सबूतों को मिटाने के लिए एकत्रित किए गए, जिनके सामने आने पर वाजे फंस सकते थे। सीआईयू दफ्तर की तलाशी के दौरान डीवीआर को जब्त कर लिया गया है। काजी पर स्कार्पियो कार में मिली नकली नंबर प्लेटों की खरीदारी करने का भी आरोप है।
जब्त मर्सिडीज का मालिक आया सामने
एनआईए (NIA) द्वारा जब्त की गई काली मर्सिडीज कार का पूर्व मालिक सारांश भावसार बुधवार को सामने आया। धुले जिला निवासी भावसार ने कहा कि फरवरी में ही उसने एक कार विक्रेता कंपनी के माध्यम से कार बेच दी थी। मुझे नहीं पता कि यह कार किसने खरीदी थी। उन्होंने कहा कि यदि वाहन के संबंध में पूछताछ के लिए एनआईए उनसे संपर्क करती है तो वह पूरा सहयोग करेंगे।
दहशत में मनसुख का परिवार, पुलिस सुरक्षा की मांग
विस्फोटक से लदी स्कार्पियो कार मालिक मनसुख हिरेन के परिवार से मुलाकात के बाद बुधवार को भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि परिवार डरा हुआ है। उन्हें पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए। वहीं, पूर्व मंत्री आशिष शेलार ने मनसुख हिरेन के पोस्टमार्टम में फेरबदल करने का आरोप लगाया है। उधर, एटीएस ने हिरेन की डाइटम रिपोर्ट भी निकलवाई है। इसमें फेफड़े में खाड़ी का पानी मिलने की बात कहते हुए मनसुख की पानी में डूबने से मौत की आशंका जताई जा रही है।
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