उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शैक्षिक सत्र प्रारंभ करने के लिये विश्वविद्यालयों को समय सारिणी बनाने के निर्देश दिये।
श्रीमती पटेल ने बुधवार को पण्डित दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय कानपुर, प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय प्रयागराज, डाॅ आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा तथा ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ की समीक्षा बैठक कर विश्वविद्यालयों में अकादमिक सत्र प्रारम्भ किये जाने, शैक्षणिक पदों पर भर्ती, आडिट आपत्तियों, उपाधियों के सुचारू वितरण, महिला उत्थान की गतिविधियों, निर्माण कार्यों, नई शिक्षा नीति, कोरोना टीका उत्सव से संबंधित विषयों पर चर्चा की। आनलाइन समीक्षा बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, कुलपति एवं विश्वविद्यालय के अधिकारी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के शैक्षिक सत्र पर चर्चा करते हुये सरकार द्वारा लिये गये निर्णयानुसार सत्र 2020-21 में चरणबद्ध तरीके से परीक्षा कराने अथवा अगले वर्ष में प्रमोशन देने के निर्देश दिये हैं। उन्होने विश्वविद्यालयों को आगामी शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिये समय सारिणी बनाकर शिक्षण एवं अन्य गतिविधियाँ संचालित करने की तैयारियाँ करने तथा विश्वविद्यालयों में रिक्त शैक्षणिक पदों पर भर्ती हेतु नई एक समान चयन प्रक्रिया के अनुरूप कार्यवाही करने को भी कहा है। इस संबंध में विश्वविद्यालय शासन के नियमों के अनुरूप रिक्तियों की गणना कर रिक्त पदों को भरने की समय सारिणी बनाकर समयबद्ध तरीके से प्रक्रिया पूर्ण करें।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालया नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिये 15 जून तक अपने सुझाव भेंजे, जिससे उन पर सार्थक चर्चा हो सके। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने वित्तीय लेखों को नियमानुसार रखंे तथा आडिट आपत्तियों का निराकरण करायें। आडिट में सामने आयी अनियमितताओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। वित्तीय अनियमितताएं स्वीकार्य नहीं हैं, ऐसे कृत्य के लिये दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही की जायेगी।
श्रीमती पटेल ने कहा कि अधिकारी विश्वविद्यालय में होने वाले निर्माण कार्यों की भौतिक तथा होने वाले व्यय की समानुपातिक समीक्षा करें तथा इस कार्य के लिये निर्माण इकाईयों के साथ बैठक कर समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों को ग्रहण कर समुचित प्रयोग करें।
श्रीमती पटेल ने दीक्षान्त समारोह के संबंध में निर्देश दिये कि दीक्षान्त समारोह के पश्चात् विश्वविद्यालय एवं उनसे सम्बद्ध महाविद्यालयों के सभी छात्र-छात्राओं को तत्काल उपाधियाँ उपलब्ध करा दी जायें।