नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूरे देश में हो रहे विरोध प्रर्दशनों के बीच मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। जामिया के बाद सीलमपुर में शुरू हुई हिंसा के बीच अमित शाह ने कहा कि पूरा विपक्ष देश की जनता को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा है कि विपक्ष चाहे कितना भी विरोध करे, सरकार अपने फैसले पर अडिग है। शाह ने कहा कि सरकार नागरिकता कानून का वापस नहीं लेने वाली है। इसके अलावा गृहमंत्री छात्रों से कहा कि आपको यह विधेयक पढ़ना चाहिए। यह किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं देने के लिए है।
Home Minister Amit Shah in Delhi on #CitizenshipAmendmentAct: Aapko jo rajnitik virodh karna hai wo karo, Bharatiya Janata Party ki Modi sarkar firm hai. Ye sabhi sharanarthiyo ko nagrikata milegi, vo Bharat ke nagrik banenge aur samman ke sath duniya me rahenge. pic.twitter.com/JKyTbDMx4K
— ANI (@ANI) December 17, 2019
अमित शाह ने विपक्षी दलों और कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि आप लोगों को कितना ही भ्रम में डाल लें मगर हम इस कानून को वापस नहीं लेने वाले हैं। गृहमंत्री ने कहा है कि इस कानून से किसी की नागरिकता नहीं छीनने जा रही है बल्कि शरर्णाथियों को नागरिकता दी जाएगी।
शाह ने कहा कि यह कानून नेहरू लियाकत समझौते का हिस्सा था, लेकिन तब की सरकार ने वोट के कारण इसे लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार ने इस समझौते को लागू किया है। हम लाखों लोगों को इसके जरिए नागरिकता देने जा रहे हैं। इससे पहले गृह मंत्रालय के सूत्रों ने भी कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का किसी विदेशी को बाहर भेजे जाने से कोई नाता नहीं है। किसी भी विदेशी को वापस भेजने के लिए पहले से तय प्रक्रिया को ही लागू किया जाएगा। यह कानून किसी भारतीय पर लागू नहीं होता।