नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सियासी हालात पर भाजपा अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मुद्दे पर अमित शाह ने शिवसेना के रवैये पर भी सवाल उठाया है।
BJP President Amit Shah to ANI: Even today if anyone has the numbers they can approach the Governor. The Governor has not denied chance to anyone. A learned lawyer like Kapil Sibal is putting forth childish arguments like ‘we were denied a chance to form Govt’. #Maharashtra pic.twitter.com/CtUDQKcDIY
— ANI (@ANI) November 13, 2019
इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए 18 दिन का समय नहीं दिया गया
शाह ने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए 18 दिन का समय नहीं दिया गया था। राज्यपाल ने विधानसभा का समय खत्म होने के बाद ही राजनीतिक दलों को बुलाया। न शिवसेना, न कांग्रेस और न ही एसीपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। अगर आज की तारीख में किसी के पास नंबर हैं तो वह राज्यपाल के पास जा सकता है।
नई मांग कर रहे हैं जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं
शिवसेना से गठबंधन के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री और मैंने कई बार रैलियों में कहा था कि अगर हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे। तब किसी ने इसका विरोध नहीं किया था। अब वह नई मांग कर रहे हैं जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। शिवसेना पर हमला करते हुए शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन से भाजपा का नुकसान हुआ। भाजपा नहीं चाहती कि मध्यावधि चुनाव हों। हम तो शिवसेना के साथ सरकार बनाने को तैयार थे, जनता के साथ विश्वासघात हमने नहीं किया।