लखनऊ। इस विधेयक के माध्यम से ऐसा कानून बनेगा, जिसमें सरकारी या निजी संपत्ति पर पोस्टर लगाने, गंदगी करने, अवैध वाल राइटिंग करने पर जुर्माने का प्रावधान होगा। विधानसभा से पास होने के बाद इसे अब विधान परिषद में भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक-2021 विधानसभा से पारित किया गया। यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पटल पर रखा। हालांकि विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजे जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया।
गुंडा नियंत्रण संशोधन विधेयक पास
इसके अलावा उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण (Gunda Control Bill) (संशोधन) विधेयक 2021 विधानसभा में पास हुआ। यह कानून यूपी के पुलिस कमिश्नरेट वाले जिलों में लागू होगा। हालांकि अभी राज्य में दो पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था लखनऊ और नोएडा में लागू है। पुलिस कमिश्नरेट को मजबूत करने के लिए विधेयक विधानसभा में पास हुआ है। पहले केवल पुलिस कमिश्नर को अधिकार था। अब इस विधेयक के पास होने के बाद डीसीपी को भी गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की ताकत दी गई है। विधानसभा से अब इसे विधान परिषद भेजा जाएगा। इसके बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही लागू हो जाएगा।
विधानसभा में तीन विधेयक वापस लिए गए
सरकार ने सोमवार को विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान तीन विधेयक वापस लिए गए हैं। विधेयकों के वापस लिए जाने का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने रखा।
1- उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक-2019 विधानमंडल द्वारा पारित होने के बाद राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा गया था। राज्यपाल ने उसे पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया। विधानसभा में सोमवार को सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
2- वहीं उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक-2017 को भी राज्यपाल ने पुनर्विचार के लिए भेजा था, जिसे सरकार ने सदन के पटल पर रखकर वापस ले लिया है।
3- भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्त विनियमन) ( उत्तर प्रदेश संशोधन ) विधेयक-2017 को विचार के लिए राज्यपाल ने भेजा था। विधानसभा में सोमवार को पुनर्विचार के लिए रखा गया और सरकार ने इसे वापस लिया है।