जीवन से सभी बाधाएं होंगी दूर, करें इन शनि मंत्रों का जाप

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शनि देव (Shani) को न्याय का देवता माना जाता है। मान्यता है कि मनुष्य के शुभ-अशुभ कर्मों का फल शनि देव प्रदान करते हैं। बुरे कर्म करने वालों को शनिदेव के क्रोध का सामना करना पड़ता है वहीं जो लोग परोपकारी होते हैं, शनि की कृपा से उनके जीवन से हर कष्ट का अंत हो जाता है। नौकरी और व्यापार पर चल रहे संकट भी दूर होते हैं। ऐसे में अगर आप भी शनिदेव को खुश करना चाहते हैं तो हर शनिवार के दिन आपको कुछ खास मंत्र और उपाय करने चाहिए।

शनि देव के मंत्र

1- शनि महामंत्र

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

2- शनि का पौराणिक मंत्र

ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

3- शनि दोष निवारण मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।

उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।

4- नौकरी और व्यापार के लिए शनि मंत्र

ॐ शं शनैश्चराय नमः।।

शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय

1- साढ़े साती और ढैया से बचने के लिए एक लोहे का छल्ला ले आएं। उसे शनिवार की सुबह सरसों के तेल में डुबाकर रख दें। शाम को शनिदेव के मन्त्रों का जाप करें। उनकी विधिवत आरती करें। इसके बाद लोहे के छल्ले को बाएं हाथ की मध्यम अंगुली में धारण कर लें।

2- इस दिन काली उड़द की दाल की खिचड़ी काला नमक डालकर खाएं। इससे भी शनि दोष के कारण होने वाले कष्टों में कमी आती है।

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3- यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं या फिर व्यापार में सफलता नहीं मिल पा रही है तो शनैश्चरी अमावस्या पर शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें। एक काला धागा पीपल वृक्ष की डाल में बांध दें। इसमें तीन गांठ लगाएं।

4- शनिवार की शाम को एक या दो दरिद्र को भरपेट भोजन कराएं। साथ ही उसको कुछ धन का दान करें। भोजन में रोटी, पराठे, चावल, सब्जी-दाल, मिठाई और खीर शामिल करें।

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