जेएनयू (JNU) में कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाने के मामले में सोमवार को जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद समेत सभी आरोपी पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने सभी आरोपियों को चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराते हुए इस मामले के सात आरोपियों को जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई सात अप्रैल को होगी।
कन्हैया कुमार के वकील सुशील बजाज ने अपने मुवक्किल को पेशी से छूट की मांग की। उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार की सामाजिक जिम्मेदारियों को देखते हुए उन्हें पेशी से छूट दी जाए। तब कोर्ट ने कहा कि इस अर्जी पर हम बाद में विचार करेंगे। सुनवाई के दौरान उमर खालिद को भी कोर्ट में पेश किया गया।
वकील सान्या कुमार ने उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की कोर्ट में पैरवी की। वकील वारिशा फरासत आरोपियों आकिब, मुजीब, उमर गुल, रईस रसूल, बशारत अली, खालिद बशीर की ओर से पेश हुईं और उनकी नियमित जमानत अर्जी दाखिल की. कोर्ट ने आकिब, मुजीब, उमर गुल, रईस रसूल, बशारत अली और खालिद बशीर को 25-25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।
बता दें कि कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को पहले ही कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
दिल्ली सरकार ने दी थी केस चलाने की अनुमति
पिछले 16 फरवरी को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में दिल्ली सरकार ने 27 फरवरी, 2020 को कन्हैया कुमार समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी थी। दिल्ली सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।
1200 पन्नों की चार्जशीट
14 जनवरी, 2019 को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। करीब 1200 पन्नों की इस चार्जशीट में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में सात अन्य कश्मीरी छात्रों के भी नाम शामिल हैं। चार्जशीट में देशद्रोह, धोखाधड़ी, इलेक्ट्रॉनिक धोखाधड़ी, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना, दंगा भड़काने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाया गया है।
बता दें कि 9 फरवरी, 2016 को जेएनयू कैंपस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारे लगाने के आरोप में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था।