लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का कड़ा विरोध किया है। यादव ने सीएए को देश के संविधान के खिलाफ बताया है।
बीजेपी तो देश की अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर असफल और युवाओं को नौकरी देने में नाकाम
लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ जाते समय गुरुवार को सीतापुर में यादव ने कहा कि हमारे देश में किसी भी जाति धर्म का कोई भी आया, तो इस धरती ने उसे अपना लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी तो देश की अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर असफल है। इसके अलावा युवाओं को नौकरी देने में नाकाम है। इसी कारण जनता को गुमराह करती रहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद से ही हिंदू और मुसलमान के बीच खाई पैदा करने में जुटी है।
बीजेपी युवाओं को नौकरी और रोजगार देना था, लेकिन देश को गुमराह करने के लिए सीएए एक्ट बना डाला
यादव ने कहा कि देश में भाजपा मुसलमानों को नाराज करने पर तुली रहती है। बीजेपी युवाओं को नौकरी और रोजगार देना था लेकिन देश को गुमराह करने के लिए सीएए एक्ट बना डाला। उन्होंने कहा भाजपा की साजिश यही है कि किसी भी तरह देश बंटा रहे। समाज बंटा रहे और इनकी राजनीति चमकती रहे। भाजपा जान-बूझ कर कर रही है ताकि किसी तरह वो अपनी कुर्सी बचा सके। हमारा संविधान भेदभाव नहीं करता है। केवल कुर्सी पाने के लिए भाजपा ने ये कानून लाया है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ देश के इकलौते मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपने ऊपर से मुकदमे वापस लिए
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तो देश की जनता जागरूक है। इसी वजह से वह सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए आई है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह देश के इकलौते मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपने ऊपर से मुकदमे वापस लिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय में सुरक्षा मांगने गया है, उसकी या तो हत्या हो गई या फिर कानूनी कार्रवाई हो गई। उन्होंने भाजपा विधायकों के धरने पर बैठने को लेकर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि अभी तो कम बैठे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और भी बढ़ सकती है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर भी सरकार को घेरा। कोर्ट ही नहीं, हर जगह हत्याएं हो रहीं हैं। उन्होंने कहा कि धारा 144 कमजोर उतनी ही कमजोर है, जितनी भाजपा सरकार।