समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरुवार को अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) से लंबे इंतजार के बाद मुलाकात की। जानकारी के अनुसार अखिलेश दोपहर बाद लखनऊ स्थित शिवपाल के आवास पर मिलने के लिये पहुंचे।
दोनों के बीच बंद कमरे में मुलाकात हुई। लगभग डेढ़ घंटे की मुलाकात के दौरान हुई बातचीत का ब्यौरा दोनों पक्षों की ओर से फिलहाल नहीं दिया गया है। प्रसपा के एक नेता ने बताया कि अखिलेश (Akhilesh Yadav) के साथ सपा का कोई नेता साथ नहीं है। वहीं मुलाकात के कुछ देर बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021
माना जा रहा है साल 2017 के बाद गुरुवार को दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने बात हुई। इसी के साथ दोनों दलों के एकजुट होने के आसार लगभग बन ही गये हैं।
गुरुवार की दोपहर उत्तर प्रदेश की चुनावी माहौल में अचानक ही सपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) के बीच गठबंधन के समीकरण बन ही गये। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव अचानक चाचा शिवपाल (Shivpal Yadav) के घर पहुंचने की खबर वायरल हो गई। बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई। इस बहुप्रतिक्षित मुलाकात की खबर मिलते ही दोनों दलों के कार्यकर्ता शिवपाल यादव के घर के बाहर और सपा के प्रदेश कार्यालय पर एकजुट होने लगे। सभी चाचा-भतीजे की इस मुलाकात के बाद बनने वाले राजनीतिक समीकरणों को लेकर चर्चा करते दिखे।
वहीं, बंद कमरे में जो फैसले हो रहे हैं, उन्हें लेकर कयास जोरों पर थे। लेकिन मुलाकात खत्म होने के कुछ ही समय बाद अखिलेश यादव के ट्वीट में सभी कयासों पर विराम लगा दिया। ट्वीट में अखिलेश ने लिखा, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई है। जिसके बाद दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी और जोश की लहर दौड़ गयी और सरकार बनाने के दावों को और भी मजबूती से बुलंद करने की बात करने लगे।