नई दिल्ली। नीट-2020 के घोषित नतीजों में पूर्वांचल की बेटी आकांक्षा सिंह (Akanksha Singh) ने देश में सेकेंड टॉपर बनीं हैं। आकांक्षा न्यूरो सर्जन बनना चाहती हैं और पूर्वांचल के पिछड़े इलाकों में लोगों की सेवा करना चाहती हैं।
आकांक्षा ने पढ़ाई के साथ बाकी कामों के लिए समय निकाला। आकांशा ने दो साल तक गंभीरता से पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने मोबाइल को अपने पास नहीं रखा और न ही सोशल मीडिया पर दिखाई दी।
आकांशा दिल्ली में रहते हुए भी पढ़ाई के लिए अपनी मां से त्योहारों में मिलने तक नहीं आई। ये उनकी कड़ी मेहनत और तपस्या ही है जो उन्हें आज नीट में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उनके परिवार और सभी रिश्तेदारों को उन पर गर्व है।
उन्होंने बताया कि नीट की परीक्षा के लिए उन्होंने कोचिंग ली थी, जो उनके घर से 70 किलोमीटर दूर थी। वह रोजाना 70 किमी दूर गोरखपुर सिर्फ कोचिंग के लिए जाती थी।
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आकांशा बताती हैं कि उनके पिता ने क्लास 9 में ही आकाश इंस्टीट्यूट में प्रवेश करा दिया था। उन्होंने पहले गोरखपुर बाद में दिल्ली में पढ़ाई की। जिसके चलते उन्हें नीट में सफलता मिली। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान समय में नीट की पूरी पढ़ाई एनसीईआरटी की किताबों पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि सेल्फ स्टडी जरूरी है, लेकिन कोचिंग की पढ़ाई से दिशा मिल जाती है। इसलिए भी कोचिंग के साथ-साथ सेल्फ स्टडी बेहद जरूरी है। आकांशा ने अपने परिवार के बारे में बताया कि उनके पिता राजेंद्र कुमार राव एयरफोर्स से रिटायर हैं और मां रुचि सिंह सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि अनुशासन पर चलते हुए ही उन्होंने सफलता पाई है। आगे भी अपने मुकाम को पाने के लिए वो इसी तरह से पढ़ाई करेंगी।