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पर्यावरण मानक के अनुरूप होगा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी आधारित जवाहरपुर पावर प्लांट: एके शर्मा

AK Sharma

AK Sharma

एटा। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा (AK Sharma) गुरूवार को एटा जनपद के मलावन गांव में स्थित जवाहरपुर थर्मल पावर प्लांट (Jawaharpur Thermal Power Plant) का अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने थर्मल पावर प्लांट के संचालन की प्रक्रिया को समझाया और प्लांट में किये गये कार्यों का भी अवलोकन कराया। ऊर्जा मंत्री ने इस दौरान पावर प्लांट के पूर्ण क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन सम्बंधी कमियों व तैयारियों को परखा, मशीनों के रख-रखाव, सुरक्षा मानकों, उत्पादन इकाई, व्यायलर, टरबाइन संचालन, स्टीम जनरेशन की प्रक्रिया एवं चार्ट, चिमनी, कम्प्यूटराइज्ड कन्ट्रोल रूम को भी देखा। उन्होंने सभी व्यवस्था को दुरूस्त पाया।

उन्होंने (AK Sharma) अधिकारियों के कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि कार्य दायित्वों के प्रति समर्पित अधिकारियों की बदौलत जल्द ही प्रदेश विद्युत उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बन जायेगा। जवाहरपुर थर्मल पावर प्लांट की 660 मेगावाट क्षमता की प्रथम यूनिट से इसी महीने पूरी क्षमता पर कामर्शियल विद्युत उत्पादन शुरू हो जायेगा। रुपया 12320 करोड़ की लागत से बनायी जा रही इस परियोजना में बिना किसी समस्या व न्यूनतम दुर्घटना से वर्तमान प्लांट के कार्यों को पूरा किया गया है। इसके लिए यहां लगे 4000 कार्मिकों और विद्युत विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों को बधाई व शुभकामनाएं दी।

ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने बताया कि जवाहरपुर थर्मल पावर प्लांट के 660 मेगावाट क्षमता की दोनों यूनिटों से कुल 31.68 मि0यू0 विद्युत उत्पादन प्रतिदिन होगा। 660 मेगावाट की प्रथम यूनिट से इसी महीने कामर्शिलय प्रोडक्शन शुरू हो जायेगा तथा 660 मेगावाट की दूसरी यूनिट से भी फरवरी, 2024 से कामर्शियल प्रोडक्शन की शुरूआत हो जायेगी। ओबरा-सी 660 मेगावाट से भी जल्द ही विद्युत का कामर्शियल उत्पादन शुरू हो जायेगा। इस प्रकार प्रदेश को जल्द ही कुल 1920 मेगावाट क्षमता की विद्युत मिलने लगेगी।

उन्होंने बताया कि यहां आकर मैंने इन दोनों यूनिटों के आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर को जाकर देखा। ऐशडक्ट देखा, जहां पर ऐश जमा होगी। रेलवे सायडिंग देखा और कोल आपूर्ति हेतु रेलवे की 24 किमी0 लम्बी रेल लाइन, कन्वेयर वेल्ट, कूलिंग टावर, जनरेटर और कंट्रोल रूम को देखा है। अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण में रेलवे से आने वाले कोयले को ट्रैक हापर के माध्यम से अनलोड किया जायेगा बाद में इसे बीगन ट्रिपर द्वारा अनलोड किया जायेगा। इस प्लांट में 4000 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, जिसमें 300 कार्मिक विद्युत विभाग के तथा 200 के आस-पास कम्पनी के साथ वेन्डर्स और ठेकेदार हैं। इस महीने में ही इसकी पहली इकाई से कामर्शियल उत्पादन शुरू होने में अब कोई शंका नहीं रही। सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी आधारित यह पावर प्लांट पर्यावरण मानक के अनुरूप होगा तथा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज से युक्त होगा। रुपया 12 हजार करोड़ लागत के इस प्लांट से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने उत्पादित विद्युत का 100 प्रतिशत विद्युत क्रय हेतु अनुबंध किया हुआ है। इस प्लांट को शहरपुर, जमरपानी कोल ब्लाक एवं ब्रिज लिंकेज कोल इण्डिया से कोयला प्राप्त होगा तथा निचली गंगा नहर से 38 क्यूसेक जल उपलब्ध होगा। सब क्रिटिकल यूनिट की 0.62 किलो प्रति यूनिट पोल खपत के बजाय इसमें 0.5 किलो प्रति यूनिट कोयले की खपत होगी। इस प्लांट से विद्युत पारेषण हेतु 765 के0वी0 मैनपुरी-जवाहरपुर-ग्रेटर नोएडा पारेषण लाइन का निर्माण कर विद्युत आपूर्ति की जायेगी। इस प्लांट की 660 मेगावाट की प्रथम इकाई का 22 सितम्बर, 2023 को सिंक्रोनाइजेशन किया गया और इसी महीने  में पूरी क्षमता से संचालित हो जायेगी।

उन्होंने बताया कि जवाहरपुर की 660 मेगावाट की दो यूनिटें तथा ओबरा-सी की 660 मेगावाट की एक यूनिट से कुल 1920 मेगावाट क्षमता का विद्युत उत्पादन प्रदेश को शीघ्र ही मिलेगा। साथ ही ओबरा-डी की 800 मेगावाट के दो पावर प्लांट लगाने का अनुबंध एनटीपीसी के साथ हो चुका है। इसी प्रकार अनपरा में भी 800 मेगावाट की दो यूनिटें लगाने के लिए एनटीपीसी के साथ अनुबंध हो चुका है। मेजा की 660 मेगावाट के प्लांट का विस्तार करने के लिए एनटीपीसी सहयोग कर रहा है। पनकी में भी 660 मेगावाट की एक यूनिट के विस्तार के बाद अगले वर्ष से पूर्णतया कार्य करने लगेगा। घाटमपुर में भी 660 मेगावाट की तीन यूनिटों को स्थापित किया जा रहा है। अभी हमारी थर्मल पावर प्लांट से विद्युत उत्पादन की क्षमता 6100 मेगावाट है। इन सभी इकाइयों के कार्य करने से इससे ज़्यादा  क्षमता का और विद्युत उत्पादन प्रदेश में होने लगेगा।

इसी प्रकार सौर ऊर्जा से भी 6800 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। रूफटाप सोलर को भी सरकार बढ़ावा दे रही। सौर ऊर्जा को दिन में स्टोरेज करने के लिए पम्प स्टोरेज के प्रोजेक्ट साइन किये गये हैं। इससे 12 हजार मेगावाट क्षमता के पम्प स्टोरेज लगाये जाएँगे । प्रधानमंत्री के विजन और मुख्यमंत्री की प्रेरणा से  प्रदेश को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाकर ऊर्जा विभाग  साकार कर रहा  है। जल्द ही हम अपने दोगुना विद्युत उत्पादन के लक्ष्य को पूरा कर लेंगे। तापीय और सोलर ऊर्जा के माध्यम से प्रदेश के लोगों को भरपूर बिजली मिलेगी।

ए0के0 शर्मा (AK Sharma)  ने इस दौरान उपस्थित जनसमूह एवं मीडियाकर्मियों के सामने एकमुश्त समाधान योजना के बारे में भी जानकारी दी। कहा कि ओटीएस उपभोक्ताओं के बकाये बिलों, चोरी के मामले एवं अन्य समस्याओं के समाधान हेतु प्रदेश में 08 नवम्बर, 2023 से शुरू की गयी है और इस महीने के अन्त तक संचालित रहेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को 01 अप्रैल, 2023 के   बाद से अपने निजी नलकूपों के विद्युत खपत में कोई बिल नहीं देना है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए अभी अनुपूरक बजट में 900 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है। इसके पहले के बकाये के बिलों में ओटीएस में छूट है।

छोटे घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों को ओटीएस में बकाये के सरचार्ज पर अभी 15 दिसम्बर, 2023 तक शत-प्रतिशत छूट दी जा रही है। एटा जिले में ओटीएस के तहत 28 हजार लोगों ने लाभ लिया और 19 करोड़ रूपये राजस्व की प्राप्ति हुई। उन्होंने कहा कि योगी सरकार का उद्देश्य राजस्व प्राप्ति ही नहीं बल्कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का पूर्णतया निदान करना  है। बिजली विभाग के कर्मचारी दिन-रात मेहनत कर रहे और उपभोक्ताओं को योजना का लाभ देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से यह भी अपील की कि इस ऐतिहासिक योजना का शीघ्र लाभ लेकर अपनी सभी समस्याओं का निदान पा लें। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि ओटीएस के प्रयासों में और तेजी लाएं।

इस अवसर पर उ0प्र0 राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक पी0गुरू प्रसाद, जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह, परियोजना प्रबंधक अजय कुमार, मुख्य अभियंता आर0एस0 कुशवाहा, अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार के साथ सभी कार्मिक उपस्थित थे।

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