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विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली पर भी ध्यान दिया जायेगा: एके शर्मा

AK SHARMA

AK SHARMA

लखनऊ। प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा वर्ष 2030 तक कार्बन में जीरो एमीशन प्राप्त करने के लिए गोमती नगर के विभूति खण्ड स्थित विद्युत के एसएलडीसी परिसर में यूपी पावर कॉनक्लेव-2022 का आयोजन किया। इसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार की विद्युत की सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। उद्घाटन ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने किया।

इस अवसर पर उन्होंने (AK Sharma) सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने, स्वच्छ ऊर्जा एवं अक्षय ऊर्जा की दिशा में ले जाने के लिए यह कॉनक्लेव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इससे आने वाले समय में प्रदेश की जनता को 24 घण्टे उच्च गुणवत्ता एवं व्यवधानमुक्त विद्युत आपूर्ति मिलेगी। इसमें देश एवं प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ विद्युत उत्पादन, वितरण, ट्रांसमिशन एवं वैकल्पिक ऊर्जा के विषय पर अपनी राय व्यक्त करेंगे, जो बहुत उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जायेगा तथा पूरी पारदर्शिता के साथ इसका लाभ लोगों को दिया जायेगा।

ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि देश भर से ऊर्जा क्षेत्र के प्रतिनिधियों का इसमें शामिल होना दर्शाता है कि आने वाला समय प्रदेश की ऊर्जा व्यवस्था में सुधार कर देश में अग्रणी भूमिका में लाना है। उन्होंने कहा कि आज बिजली लोगों की बेसिक जरूरत बन गई है। लोगों के जीवन में बिजली से महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। बिजली के वगैर जीवन चलना अब आसान नहीं, इससे प्रत्येक नागरिक की सुविधा जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा की खपत बढ़ेगी तो पूरे देश व दुनिया में इसका असर होगा। हमारे पड़ोसी राज्यों का ऊर्जा उपभोग हमसे अच्छा है। जहां हम प्रतिवर्ष 600 यूनिट प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत करते हैं, वहीं गुजरात 2400 यूनिट तथा पूरे देश में 1200 यूनिट प्रति व्यक्ति खपत हो रही है। कहा कि सामान्य नागरिकों को 24×7 बिना किसी रूकावट के निर्वाध विद्युत आपूर्ति मिले इसके प्रयास किये जायेंगे। लाइन हानियों को कम करने के प्रयास किये जायेंगे, जो अभी 28 से 29 प्रतिशत है। उन्होंने विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली पर भी ध्यान देने को कहा। विगत माह 5500 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हुई, जो पहले 3800 करोड़ रुपये हो रही थी। उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों में प्रदेश को अंधेरे से मुक्त किया गया। 1.21 लाख से अधिक मजरों को रोशन किया गया तथा 1.43 करोड़ नये कनेक्शन दिये गये।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि ऊर्जा विभाग की पहली प्राथमिकता उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना है। साथ ही आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली को बढ़ाना तथा विद्युत व्यवस्था के ढांचे को सुदृढ़ करना आवश्यक है। बिजली के क्षेत्र में बहुत से चैलेंजेज होते हैं जो कि इमिडिएट, मीडियम एवं लॉग टर्म के हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में नई नीतियां लागू करना होगा और प्रदेश को अगले पांच वर्षों में 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी प्राप्त करने में सहायक होगा।

चेयरमैन, उ0प्र0 पावर कारपोरेशन एम0 देवराज ने कहा कि निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए चुनौतियां बहुत हैं। इसके लिए आधुनिक तकनीक के साथ क्षमता भी बढ़ानी होगी, जिससे कि लोगों को विद्युत की अच्छी तरह से सेवा दे सकें। इस कॉनक्लेव के माध्यम से कुछ सार्थक पहल निकलकर सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही लखनऊ को बाधा रहित निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के प्रयास किये जायेंगे।

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यूपी पावार कॉनक्लेव में बिजली से संबंधित विभिन्न विषयों पर छह सत्र आयोजित किये गये जिसमें ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया और आश्वासन दिया कि प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए वे अपना पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। कॉनक्लेव के पहले सत्र को आलोक कुमार, सचिव मिनिस्ट्री ऑफ पॉवर, गिरिधर अरामने सचिव मिनिस्ट्री ऑफ रोड एण्ड शिपिंग, ट्रांसपोर्ट, तरूण कुमार सलाहकार प्रधानमंत्री, इन्दु शेखर चतुर्वेदी सचिव एमएनआरई ने वर्चुअली सम्बोधित किया।

इसमें कहा गया कि लाइन लॉस को कम किया जाये, राजस्व वसूली बढ़ायी जाए, नेट जीरो इमिशन के लिए भी कार्य किया जाए। रिन्यूएवल एनर्जी पर ध्यान दें तथा कोल आधारित उत्पादन पर निर्भरता कम की जाए, ट्रांसमिशन सिस्टम में सुधार जैसे आदि विषयों पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि रिन्युएवल एनर्जी देश का भविष्य है। ऑटोमोबाइल एवं ट्रांसपोर्ट में ग्रीन एनर्जी व हाइड्रोजन को बढ़ावा दिया जाये। साथ ही सोलर, वायु एवं हाइड्रो एनर्जी के क्षेत्र में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट, इण्डस्ट्री, एग्रीकल्चर, बिल्डिंग और कुकिंग के क्षेत्र में ऊर्जा की खपत अभी और बढ़ेगी।

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कॉनक्लेव के दूसरे सत्र में एनटीपीसी के सीएमडी गुरूदीप सिंह, पीएफसीसीएल के सीईओ मनोज कुमार राणा, रेलवे के सीईओ ए0के0 सिंघल, रेलवे बोर्ड के ईडी मनीष गुप्ता, आईओसीएल के डीजीएम पीसी गुप्ता, आरएमआई के एमडी अक्षिमा घाते, टीएचडीसी के जीएम नीरज वर्मा ने बायो सीएनजी, बायोफ्यूल, ग्रीन हाइड्रोजन, नेटमीटरिंग, सोलर रूफटॉप, सोलराइजेशन ऑफ एग्रीकल्चर फीडर पर अपने विचार व्यक्त किये।

कॉनक्लेव के तीसरे सत्र में पोस्को के सीएमडी के0वी0एस0 बाबा, सदस्य गौतम राय, पीजीसीआईएल के सीएमडी के0 श्रीकांत, सीटीयू के पी0सी0 गर्ग ने विद्युत व्यवस्था के आधुनिकीकरण, पावर ट्रांसमिशन और रेगुलेटरी रिफार्म्स में अपने विचार व्यक्त किये। छठवें सत्र में डिलॉयट के शुभ्रांशू पटनायिक, टोरेंट पावर के वरूण मेहता, संदीप नारंग, मर्कडॉस के रमनदीप सिंह ने पावर सेक्टर में निजी भागीदारी को बढ़ाने, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा स्ट्रीट एसेट्स को बढ़ाने पर चर्चा की।

यूपीपावर कॉनक्लेव के समापन अवसर पर एमडी पावर कारपोरेशन पंकज कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और कहा कि कॉनक्लेव में आये महत्वपूर्ण विचारों एवं सुझावों को प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अमल में लाया जायेगा। इस अवसर पर पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारी, एमडी उत्पादन एवं पारेषण पी0गुरू प्रसाद, डिस्कॉम के सभी प्रबन्ध निदेशक तथा ऊर्जा क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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