अयोध्या: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ा बदलाव हो चुका है योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का दूसरा कार्यकाल 25 मार्च 2022 से प्रारम्भ हो चुका है। पिछली सरकार का गठन 19 मार्च 2017 को योगी के नेतृत्व में हुआ था। मैं व्यक्तिगत तौर पर दिनांक 24 मार्च 2022 को लोक भवन के बैठक हाल में जब योगी को विधान मण्डल (Legislature) का नेता चुना जा रहा था तो उपस्थित उस समय योगी ने अपने भाषण में व्यापक रूप से अपनी साफगोई को प्रकट किया था, जिसमें कहा था कि हमको सरकार चलाने का अनुभव नही था, लेकिन प्रधानमंत्री, गृहमंत्री (Home Minister) जो उस समय उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे व्यापक मार्गदर्शन मिला और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं का भरपूर प्यार मिला, जिसके द्वारा हमने 37 साल बाद पुनः उसी पार्टी की सरकार लौट के आयी है जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
उत्तर प्रदेश को हमने बीमारू राज्य से प्रथम श्रेणी का राज्य बनाया तथा हम एक बार वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह से मिलने गये थे तो हमारा प्रदेश का बजट लगभग 2 लाख करोड़ का था, जिस पर हमारे वर्तमान गृहमंत्री ने कहा था कि मुख्यमंत्री आपको प्रदेश को आगे ले जाना है इसको 6 लाख करोड़ का बजट उत्तर प्रदेश के लिए बनायें तथा उसी की कड़ी में हमने बजट का विस्तार किया तथा हमारा आगामी बजट भी 6.5 लाख करोड़ का बनने जा रहा है। मेरे द्वारा विभिन्न लेखों के माध्यम से विशिष्ट पहलुओं की जानकारी भी दी जाती रही है।
आज हमारा उद्देश्य सरकार के साथ साथ केन्द्रीय सरकार के प्रणाली पर गठित उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान दिलाना चाहता हूं। हमारे केन्द्रीय सरकार में जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गठित है जिसमें 05 वीआरएस/सेवानिवृत्त नौकरशाह है, जिसमें से 02 विदेश सेवा के, 02 भारतीय प्रशासनिक सेवा के तथा 01 भारतीय पुलिस सेवा के है। उसी पैर्टन पर हमारे योगी की सरकार जो भाग-02 शुरू हुई है इसमें एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के और एक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अरविन्द कुमार शर्मा तथा भारतीय पुलिस सेवा के असीम अरूण है।
अरूण को जहां समाज कल्याण का कार्य दिया गया, वही शर्मा को नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग का कार्य दिया गया जिसमें उत्तर प्रदेश को जैसे स्मार्ट सिटी, अमृत योजना, सभी क्षेत्रों में ऊर्जा में व्यापक सुधार करना तथा सौर ऊर्जा को और प्रोत्साहित करना। इसी की कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक और नाम अरविंद कुमार शर्मा का जुड़ गया। शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे है। वर्ष 2021 के शुरु होते ही शर्मा के दायित्व में परिवर्तन का दौर शुरु हो गया, जिसका श्रेय देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी को जाता है।
मोदी के अन्दर व्यक्ति को पहचानने की अंतरदृष्टि है। अरविन्द कुमार शर्मा जब उनके जिले मेहसाना में कलेक्टर थे वह जिला मोदी के जन्मस्थान बाडनगर और गुजरात के प्रसिद्ध नेता शंकर सिंह बघेला का भी क्षेत्र आता है। वहीं से शर्मा जी अपनी योग्यता व कर्मठता के बल पर मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात होते है। यह तैनाती अनवरत चलती रहती है और मोदी जी के साथ में इनको जुड़ने का 2001 से जो मौका मिलता है वह जारी रहता है। मोदी की जब केन्द्र में सरकार बनती है तो शर्मा गुजरात में प्रथम बार प्रतिनियुक्ति पर आये और प्रधानमंत्री कार्यालय में सचिव बनाये गये।
मोदी के नेतृत्व में शर्मा ने जो बाईबेंट गुजरात का अभियान छेड़ा वो औद्योगिकरण पर आधारित था। उसको अन्य राज्यों ने शाईनिंग उत्तर प्रदेश, शाईनिंग हमारा प्रदेश के नाम पर शुरु किया गया। यह मुझे अच्छी तरह से याद है कि शर्मा जी का जन्म एक सामान्य परिवार में मऊ जनपद के काझा खुर्द में दिनांक 12 जुलाई 1962 को शिवमूर्ति शर्मा के घर हुआ था। स्व0 शिवमूर्ति शर्मा जी परिवहन निगम में एक मुलाजिम थे।
उनकी 7 संताने है, जिसमें अरविंद कुमार शर्मा प्रथम, दो अन्य भाई है तथा चार बहने है, जिनकी पड़ोसी जनपदों गाजीपुर व बलिया में शादी हुई है। अरविन्द कुमार शर्मा ने मऊ जनपद में विज्ञान से इंटर करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कला क्षेत्र में दाखिला लिया। इनका स्नातक में विषय मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र और राजनीति शास्त्र रहे। स्नातक करने के बाद शर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक अनुशासित विभागाध्यक्ष प्रो0 हरिमोहन जैन के सानिध्य में राजनीति शास्त्र से परास्नातक किया।
छात्र जीवन जिस तरह मध्यम श्रेणी का रहता है वहीं रहा। हम लोग दर्जनों छात्रों का एक काफिला रहता था जो शर्मा को अपना रोल माडल आज भी मानते है। शर्मा ने अपने से जुड़े सभी लोगो का खानपान व सम्मान का पूरा ध्यान रखा। छात्र जीवन में इन्होने सामान्य चर्चा में जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का कैम्बिज विश्वविद्यालय माना जाता है उस विश्वविद्यालय में नकल नाम की कोई चीज नहीं थी। नकल करने वालों को हेय दृष्टि से देखा जाता था तथा उसे आत्मग्लानि होकर स्वयं ही नकल छोड़ना पड़ता था। यह हम लोगो ने देखा है कि शर्मा के वरिष्ठ सहपाठियों से पता चला है कि आईएएस व पीसीएस का इलाहाबाद सेंटर है तो शर्मा ने भगवान शंकर, हनुमानजी के सामने साक्षात संकल्प लिया कि हमें पीसीएस नहीं आईएएस बनना है।
इनका तैयारी दौर विशेष रुप से 1985 से शुरु हुआ और कठोर परिश्रम के बाद सन् 1988 में आईएएस परीक्षा में इनका चयन हो गया और भारत में इनका 72वां स्थान रहा। हम छोटे अनुजों को खुशी का दौर चला सभी इनके पीछे पीछे चलते इनके किताबों के बल पर आर्शीवादों के बल पर छोटी मोटी नौकरी पा लिये। वह व्यक्ति 1988 में मंसूरी में ट्रेनिंग करने के बाद जब गुजरात कैडर का आईएएस बना तो गुजरात कैडर को उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए दूर नजर आया। लेकिन शर्मा ने गुजरात को अपना लिया और यह गुजराती भाषा भी अच्छी तरह जानते है।
मै जहां तक जानता हूं यह हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी एवं गुजराती भाषा तथा अपनी बोल चाल की भोजपुरी भाषा में पूरा कमाण्ड रखते है। मोदी से 2001 में जुड़ने के बाद इनका दार्शनिक एवं राजनैतिक पक्ष खुलने लगा तथा कोई भी व्यक्ति किसी के साथ रहता है चाहे अधिकारी का छोटा कर्मचारी हो या बड़ा तो एक दूसरे पर उसका प्रभाव पड़ने लगता है। मोदी की दार्शनिकता बेबाकीपन प्रतिबद्धता आदि ने अरविंद शर्मा को भी मजबूत किया। सबसे बड़ी इनकी बात है कि यह छात्र जीवन में कहा करते थे कि हमकों भारत वर्ष की सेवा करना है। आम लोगो को गरीबों को सेवा प्रदान करना है। क्योकि इन्होने गरीबी देखी है।
आम जीवन भी देखा है। हमें नौकरी के बाद मौका मिला तो राजनीति में भी आना है। लेकिन सेवानिवृत के बाद आना है। हम छोटे लोग नौकरशाही के आंचल में जीने वाले सपना देखते थे हमारे शर्मा कैबिनेट सचिव बनेंगे। लेकिन महादेव को हमारे हनुमानजी को हमारे श्रीराम को यह मंजूर न होकर क्योंकि मोदी भी भगवान के अनन्य भक्त है। उन्होने सांस्कृतिक मंचों पर अपनी प्रतिबद्धता को राष्ट्रवाद के साथ साथ संस्कृतिवाद की भी दुहराई। पूजा पद्धति की भी दुहराई है।
जब दिनांक 5 अगस्त 2020 को जब अयोध्या में श्रीराममंदिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया तो उस समय पर कोविड के कारण 200 से 250 व्यवस्थापकों में हमें भी माननीय योगी की सरकार ने मुझे मीडिया प्रबन्धन का दायित्व दिया गया था। उस कार्यक्रम को कवरेज करने के लिए राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय मीडिया का आगमन था। मुझे याद है कि हम लोग 550 से ज्यादा मीडिया कवरेज के लिए प्रमाणित परिचय पत्र के आधार पर पास जारी किया था। जिससे पूरा विश्व राममंदिर के शिलान्यास को देखा।
इस कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने के लिए मोदी ने शर्मा को 11 जनवरी 2021 को जो देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्य तिथि है शर्मा का स्वैच्छिक सेवा निवृति स्वीकार कर 12 जनवरी 2021को जो विवेकानंद की जयंती है लखनऊ जाने का निर्देश दिया। शर्मा ने मकर संक्रान्ति एवं सूर्य उत्तरायण का इंतजार कर 14 जनवरी 2021 को भाजपा की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की। जिसका श्रेय मोदी व योगी पार्टी नेतृत्व अमित शाह , जेपी नड्डा , स्वतंत्रदेव सिंह आदि को जाता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह तथा उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की उपस्थिति में शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की एवं 18 जनवरी 2021 को विधानपरिषद के लिए नामांकन किया तथा द्विवार्षिक चुनाव में अपने अन्य पार्टी के उम्मीदवारों के साथ दिनांक 21 जनवरी 2021 को निर्वाचित घोषित किये गये तथा शर्मा जुलाई 2021 को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गये।
शर्मा ने प्रदेश के लगभग सभी जनपदों का भ्रमण किया तथा कोविड काल में वाराणसी, अयोध्या, पूर्वांचल में अनेक सुविधाएं उपलब्ध करवायी। शर्मा का हमेशा सोच है कि सभी कार्य भगवान के प्रेरणा एवं आर्शीवाद से होते है उनको इसका फल मिला तथा अच्छे अन्तराल के बाद दिनांक 25 मार्च 2022 को अरविन्द कुमार शर्मा ने मंत्री पद का शपथ ग्रहण किया तथा इनके योग्यता के आधार पर प्रदेश सरकार के द्वारा योगी के नेतृत्व में नगर विकास एवं ऊर्जा विभाग का प्रभार मिला है, जो प्रदेश को नये आयाम देगा तथा मोदी के प्रेरणा एवं योगी के निर्देशों को शत प्रतिशत पालन कराने में भूमिका निभायेंगे। यह भी यह एक संयोग है कि शर्मा 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे है तथा इनके नगर विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दूबे है तथा ऊर्जा विभाग में अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार है दोनों मेरे वाराणसी एवं सीतापुर में मुख्य विकास अधिकारी रहे है तथा दोनों ही 1988 बैच के आईएएस अधिकारी है।
शर्मा का बहुत अच्छा अधिकारियों से भी समन्वय होगा और कार्यकर्ताओं से जो एक बेहतर परिणाम लायेगा। मैं एक उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी होने के नाते तथा छात्र जीवन इलाहाबाद के अनुभवों के नाते तथा नौकरशाही एवं राजनीति की समझ होने के नाते यह लेख लिख रहा हूं शायद आम लोगों को या मीडिया सहयोगियों को पंसद आयेंगे। जहां तक अयोध्या का प्रश्न है अयोध्या में लगभग वर्तमान में 19 हजार करोड़ की योजनाएं चल रही है सभी योजनाओं को नजदीक से देखने समझने का मुझे मौका मिला है ये भगवान रामलला हनुमान जी की कृपा है।
वर्तमान में 5 अगस्त 2020 को श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के बाद यह पहला रामनवमी का उत्सव अयोध्या में 02 अप्रैल 2022 से 12 अप्रैल 2022 पुत्रदा एकादशी तक मनाने का निर्णय लिया गया है, जिसकी तैयारियां युद्वस्तर पर चल रही है तथा लगातार शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों का दौरा एवं भ्रमण तथा समीक्षा बैठके भी हो रही है। 02 अप्रैल से श्रीरामलला के दर्शन अवधि में 90 मिनट की वृद्वि की जा रही है जो अपने आप में वंदनीय है। मेरे अगले कड़ी में लेख जारी रहेंगे और अयोध्या के एवं प्रदेश के विकास पर केन्द्रित होंगे।
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हमें सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव सूचना एवं सूचना निदेशक तथा योगी एवं मोदी के भाषणों को नजदीक से सुनने का मौका मिला है हो सकता है उन भाषणों पर आधारित और गम्भीर विचार हो जो आम जनमानस को पसंद आयें। यह लेख आज चैत्र मास की त्रयोदशी एवं वारूणी पर्व एवं मां शिवरात्रि को समर्पित है। अयोध्या धाम-जय हिन्द-जय श्रीराम-जय भारत