लखनऊ। प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए और उपभोक्ताओ को निर्बाध व सुरक्षित विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की रिवैंप योजना को धरातल पर उतारने के लिए सभी डिस्कॉम कार्ययोजना बनाकर शीघ्र इस पर कार्य शुरू करें। इस प्रक्रिया को शासन और पावर कारपोरेशन के उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग भी की जाए और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए। कहा कि कार्यों में गति लाने व वर्तमान विद्युत व्यवस्था के ढांचे में बदलाव का ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार किया जाए।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने सोमवार को रिवैंप योजना की प्रगति, राजस्व वसूली, बिलिंग, उपभोक्ताओं की शिकायतों को स्थिति और घाटमपुर व पनकी की विद्युत इकाइयों के जनरेशन आदि विषयों को लेकर शक्ति भवन में देर रात समीक्षा बैठक की। उन्होंने रिवैंप योजना के अभी तक क्रियान्वित न होने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि 05 हज़ार करोड़ की बजटीय व्यवस्था वाली इस योजना को शीघ्र क्रियान्वित किया जाए, जिससे प्रदेश के उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल सके। उन्होंने इस योजना के संचालित होने में आ रही बाधाओं और देरी का कारण पूंछा। उन्होंने योजना की टेंडरिंग प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा तथा योजना को क्रियान्वित करने के लिए डीपीआर सही से बनाने, टेक्नीशियन टीम को सही से कार्य करने के निर्देश देने को कहा। उन्होंने कहा कि सीवीसी की गाइडलाइन के अनुसार फाइनल डॉक्यूमेंटेशन किया जाए और कार्यों में तेजी लाने के लिए नए सिरे से रि बीड निगोशिएशन की प्रक्रिया को भी शीघ्र पूरा करें।
एके शर्मा (AK Sharma) ने प्रदेश के सभी 1000 और 500 की आबादी वाले मजरों में बिजली के खुले तारों को के केबीसी केबलिंग में बदलने के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही सभी डिस्कॉम के एमडी को इसके लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने ट्रांसफार्मर को जलने से बचाने के लिए इसमें फ्यूज लगाने और अतिभारित ट्रांसफार्मर व फीडर की क्षमता वृद्धि करने को भी कहा। उन्होंने प्रदेश के कई स्थानों पर जर्जर तारों के टूटने, जर्जर व झुके हुए पोल के गिरने, झूलते हुए तारों और खुले में रखे ट्रांसफार्मर और पोल के सपोर्ट केबल में करंट उतरने से हो रही मौतों व आग लगने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सख़्त निर्देश दिए है कि फील्ड में जाकर ऐसी परेशानियों को समय रहते चिन्हित करें और शीघ्र है बदलने का कार्य करें। उन्होंने हाल ही में प्रतापगढ़ में 04 विद्युत पोल के गिरने और लखनऊ में भी ऐसा ही मामला के घटित होने पर इसकी दुबारा पुनरावृत्ति न हों, इसके लिए लापरवाह अधिकारियो पर कारवाई के निर्देश दिए।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने कहा कि प्रदेश में नए नगर निकाय बनाए गए हैं। कुछ निकायों का सीमा विस्तार कर गांवों को शहर में जोड़ा गया है। ऐसे नवसृजित एवं विस्तारित निकायों में विद्युत की आपूर्ति शहरों की भांति प्रदान करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत धनराशि प्रदान किया जाएगा। उन्होंने किसानों को आपूर्ति की जा रही बिजली में किसी भी प्रकार की कटौती न करने को कहा। किसानों को पूरी बिजली न मिलने की आगरा के विधायक ने शिकायत की है। यह स्थिति ठीक नहीं है। रबी का सीजन आ रहा है। किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर बिजली दी जाय।
उन्होंने विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए और कहा कि नवंबर माह में 07 हज़ार करोड के राजस्व वसूली का लक्ष्य है। इसमें ढिलाई का सीधा मतलब वेतन मिलना मुश्किल होगा।
बिलिंग की समीक्षा की जाए। प्रदेश के 03 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल मिले, यह उसका अधिकार है। इसकी सेक्टर बार नियमित निगरानी की जाए। उपभोक्ताओ को गलत बिल देने पर एजेंसियों को नोटिस दी जाए और उनके कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाए। बड़े बकायेदारों पर भी बिल वसूली के लिए सख्त कार्रवाई की जाए।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने कहा कि अगली गर्मी में निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपभोक्ताओं को प्रदान करने के लिए मजबूत स्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अभी से रणनीत बनाकर कार्य किया जाए, जिससे इस वर्ष की गर्मी जैसी परिस्थितियो का सामना उपभोक्ताओ को न करना पड़े। इसके लिए नए सब स्टेशन बनाने, ट्रांसमिशन एवं वितरण की सुचारू व्यवस्था विकसित करने तथा पनकी व घाटमपुर जैसी नई विद्युत उत्पादन इकाइयों को ऊर्जित करने पर भी कार्य किया जाए। उन्होंने नोएडा जैसी फ्लैगशिप टाउन की विद्युत व्यवस्था को ठीक करने तथा उपभोक्ताओं की शिकायतों का शीघ्र समाधान करने की बात कही। पश्चिमांचल के एमडी को दादरी के विधायक तेजपाल नागर जी से भी इस संबंध में वार्ता करने को कहा।
उन्होंने कहा कि विद्युत समाधान योजना और ‘सम्भव’ पोर्टल के तहत जन सुनवाई से विद्युत संबंधी शिकायतों में काफी कमी आई है। टोल फ्री नंबर 1912 की क्षमता में दोगुनी वृद्धि कर इसे 60 से बढ़ाकर 120 लाइन कर दी गई है, जिससे काल बेटिंग में कमी आई है। फिर भी शिकायतों के समाधान में शिथिलता न बरती जाए। उपभोक्ताओं के मीटर बदलने, नया मीटर लगाने, लोड बढ़ाने-घटाने तथा गलत बिल एवम् नया कनेक्शन देने में देरी की शिकायतों का समय पर संज्ञान लिया जाए, तो उपभोक्ताओ की शिकायतों पर और कमी लाई जा सकती है। उन्होंने ‘सम्भव’ पोर्टल की व्यवस्था के तहत सभी स्तरों पर जनसुनवाई करने तथा जन शिकायतों का तत्काल समाधान करने के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा महेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि उपभोक्ता अपना बिल चेक व डीडी के माध्यम से भी जमा करते है, जिसका समय पर भुगतान नहीं किया जाता और उपभोक्ताओं पर बकाया चढ़ता जाता है। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं भी इस अव्यवस्था का शिकार हुआ हूं। उन्होंने इस प्रकार के सभी चेक व डी डी का 03 दिन के अंदर भुगतान लेने को कहा, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ न पड़े। उन्होंने बिलिंग में 50 से 60 प्रतिशत की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित बिलिंग एजेंसी के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम0 देवराज ने बताया कि केन्द्र की रिवैंप योजना के तहत केस्को कानपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र में टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शीघ्र ही यहां पर कार्य चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना में बुंदेलखंड और विंध्यांचल क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए नलकूपों को ऊर्जीकृत किया जा रहा है।
बैठक में प्रबंध निदेशक उत्पादन एवं पारेषण पी0 गुरु प्रसाद, प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन पंकज कुमार उपास्थित थे तथा सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक वर्चुअली जुड़े थे।