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वायुसेना प्रमुख का बयान, पूर्वी लद्दाख में मौजूद चीनी वायु सेना का भारत पर नहीं होगा कोई असर

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना की 89वीं वर्षगांठ पर एयरफोर्स की तरफ से हो रहे प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में अभी भी चीनी वायु सेना मौजूद है लेकिन भारत पर इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालो में हमारी युद्ध क्षमता में काफी इजाफा हुआ है। राफेल, अपाचे के शामिल होने से हमारी युद्ध क्षमता बढ़ गई है। हमारे बेड़े में नए हथियारों के एकीकरण के साथ हमारी आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक शक्तिशाली हो गई है।

वहीं उन्होंने हाल ही में जम्मू में हुए ड्रोन अटैक पर कहा कि ड्रोन अटैक होने से 4 साल पहले से ही हमने एंटीड्रोन कैपेबिलिटी सिस्टम पर काम करना शुरू कर दिया था, आत्मनिर्भर भारत के तहत ज्यादा से ज्यादा यह देश में ही बना रहे हैं, और कई स्टार्टअप्स को भी सिस्टम बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे।

सेना के आधुनिकीकरण पर की बात

चीफ मार्शल ने नए लाइट हेलिकॉप्टरों के बारे में बताते हुए कहा कि हम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 6 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर प्राप्त करने के कगार पर हैं। यह भारत में सेना के आधुनिकीकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। मालूम हो कि लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर हर तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है। यह 7000 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर सकता है और बिना किसी गड़बड़ी के 17 दिनों तक लगातार उड़ान भरी। वहीं उन्होंने कहा कि हमारे पास मिग-21 के चार स्क्वाड्रन हैं और अगले तीन से चार वर्षों में ड्रॉडाउन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपने भारतीय वायु सेना के लिए ड्रोन विकसित करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट जल्द ही स्टार्टअप्स को देना चाहेंगे।

पीओके पर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं

वहीं चीफ ने कहा कि पाकिस्तान और पीओके में हवाई क्षेत्रों के संबंध में, हमें ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे छोटे स्ट्रिप्स हैं कुछ हेलीकॉप्टरों को ले जाने में ही सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर में हमारे ट्रांसपोर्ट फ्लीट ने मेडिकल सप्लाई और ऑक्सीजन को 18 देशों से लाने और ले जाने का काम किया है। इसमें हमारी वायु सेना ने क़रीब 1100 घंटों की उड़ान भरी और भारत में ही 2600 घंटों की उड़ान भरी।

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