लखनऊ। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। इस पर मुस्लिम पक्षकारों ने सहमति दे दी है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की रविवार को हो रही बैठक में बड़ा एलान हो सकता है।
अयोध्या मामले पर मुस्लिम समुदाय की सर्वोच्च संस्था AIMPLB के चेयरमैन मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक हो रही है। इसमें फैसले के खिलाफ रिव्यू दाखिल करने समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
The meeting of All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB) has been shifted from Nadwa to an unidentified location. https://t.co/m4hInwCBAO
— ANI UP (@ANINewsUP) November 17, 2019
पहले यह बैठक नदवा कॉलेज में होनी थी, लेकिन सभी सदस्य को जमा होने के बाद अचानक आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने मीटिंग की जगह बदल दी। अब नदवा नहीं मुमताज पीजी कॉलेज में बैठक हो रही है। जिस पर यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने सवाल उठाया है।
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी AIMPLB की बैठक में पहुंचे
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी AIMPLB की बैठक में शामिल होने पहुंच गए हैं, उनके अलावा डॉ आसमा ज़हरा, महिला विंग की संयोजक भी पहुंच गई हैं। बोर्ड के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद की पैरोकारी कर रहे मुस्लिम पक्षकारों को शनिवार को नदवा बुलाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विचार-विमर्श किया। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस पर असहमति जताते हुए रिव्यू दाखिल करने की घोषणा की थी।
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इकबाल अंसारी का पुनर्विचार याचिका से साफ इंकार
AIMPLB की बैठक में बाबरी मामले के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है। अब आगे नहीं जाना चाहते। उन्होंने कहा कि हम भारत के मुसलमान हैं और संविधान मानते है। अयोध्या मुद्दा बेहद अहम था अब इसे आगे नहीं बढ़ाएंगे। हम चाहते हैं कि मामले को यहीं पर खत्म कर दिया जाए।
इकबाल अंसारी बोले, जितना मेरा मकसद था उतना मैंने किया। घर अल्लाह का है। अल्लाह ही मालिक है। कोर्ट ने फैसला दे दिया उसे मान लेना चाहिए। अयोध्या समेत पूरे देश में शांति का माहौल बना रहे और देश तरक्की करे। हम यही चाहते हैं और अब पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे। फैसले पर लोगों की अलग-अलग राय पर इकबाल अंसारी ने कहा कि पक्षकार ज्यादा हैं। कौन क्या कर रहा है ये मुझे नहीं मालूम लेकिन मैं अब पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करूंगा।
अयोध्या के संत बोले, पुनर्विचार याचिका बेमतलब
AIMPLB की बैठक पर राम जन्मभूमि के पक्षकार व पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का कोई भी औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि जफरयाब जिलानी की दुकान बंद हो रही है इसलिए वह इस मामले को खींचना चाहते हैं। सत्येंद्र दास ने कहा कि आम मुसलमान फैसले से खुश है। सुप्रीम कोर्ट से जो फैसला हो चुका है वही होगा।
एक अन्य पक्षकार धर्मदास का कहना है कि कानून के हिसाब से सभी व्यक्ति स्वतंत्र हैं। हम चाहते हैं कि सभी लोग राम का समर्थन करें और राम के मंदिर के प्रति आस्था व्यक्त करें। इकबाल अंसारी अयोध्या के मुख्य पक्षकार हैं और वह कहते हैं कि हमें याचिका दाखिल नहीं करना है तो उनका स्वागत है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया है। हमें इसका आदर करना चाहिए।