तमिलनाडु (त्रिची)। दक्षिण भारत में चुनाव के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। इस बार भी यही हो रहा है। कभी प्रत्याशी पीपीई किट पहनकर नामांकन भरने पहुंचते हैं तो कभी सोने के जेवरात से लदकर पर्चा भरते हैं। विरोध का प्रदर्शन भी अनूठा ही होता है, इसका ताजा उदाहरण तमिलनाडु राज्य के त्रिची में देखने को मिला। जहां टिकट न मिलने पर एक प्रत्याशी ने एक नहीं बल्कि अपनी कई धोतियां स्वाहा कर दी।
दरअसल, वाडाकाड़ू के पंचायत प्रमुख रह चुके कनागराज (AIADMK Leader Kanagaraj) को उम्मीद थी कि इस बार अलानगुडी से उन्हें टिकट मिलेगी, लेकिन AIADMK ने उनकी बजाय कांग्रेस से आए एक नेता को प्रत्याशी बना दिया। कनागराज (AIADMK Leader Kanagaraj) ने इसकी शिकायत पार्टी फोरम में रखी और इंतजार किया, उन्हें विश्वास था कि सुनवाई होगी और टिकट बाहरी नेता धर्मा की बजाय उन्हें दिया जाएगा, लेकिन उनके सब्र का बांध तब टूट गया जब खुद तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी ने कांग्रेस के बागी उम्मीदवार का प्रचार शुरू कर दिया।
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बस फिर क्या था यह बात उन्हें नागवार गुजर गई। रोष में एआईएडीएमके के नेता (AIADMK Leader Kanagaraj) ने अपनी धोतियों का सारा संग्रह आग के हवाले कर दिया। यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि तमिलनाडु में खादी की सफेद शर्ट, और पार्टी के रंग के साथ धोती राजनेताओँ की पारंपरिक वेशभूषा मानी जाती है। सूबे में एक ही चरण में 6 अप्रैल को 234 सीटों के लिए मतदान होना है। यहां पिछले 10 साल से जयललिता की पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) यानी AIADMK का शासन है। यहां चुनावों के दौरान धनबल का दुरुपयोग आम बात है। खर्च के हिसाब से भी क्षेत्र बेहद संवेदनशील माना जाता है।
सत्तासीन पार्टी के 135 सीट के मुकाबले पिछले चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) यानी DMK को सिर्फ 88 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था। इस बार के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक और भाजपा का गठबंधन हुआ है और उसका मुकाबला द्रमुक और कांग्रेस गठबंधन से होगा। दिनाकरण की AMMK, कमल हासन वाली मक्कल निधी मैयम और सेंथामिझन सीमन की तमिलर काची (NTK) बड़ी पार्टियों का गणित बिगाड़ सकती है।