नई दिल्ली: सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुख आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात करेंगे और उन्हें अग्निपथ योजना और उसके क्रियान्वयन के बारे में जानकारी देंगे। यह बैठक ऐसे समय में होगी जब देश के कई हिस्सों में अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) के खिलाफ जोरदार आंदोलन हो रहा है। खबरों के मुताबिक, सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुख इस योजना के क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रधानमंत्री को सूचित कर सकते हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और तीनों प्रमुखों के बीच बैठक की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
14 जून को अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा की गई, जिसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। 14 जून को इस योजना का शुभारंभ करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक परिवर्तनकारी योजना है और देश के सशस्त्र बलों को युवा प्रोफ़ाइल देगी।
इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को सीधे तौर पर किसी का नाम लिए बिना कहा, “यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अच्छे इरादों से लाई गई कई अच्छी चीजें राजनीतिक रंगों में फंस जाती हैं। मीडिया भी अपनी टीआरपी मजबूरियों के कारण इसमें घसीटा जाता है।” सोमवार को पीएम मोदी ने बेंगलुरु में कहा कि सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसले अनुचित और बुरे लग सकते हैं लेकिन ये फैसले बाद में राष्ट्र निर्माण में मदद करेंगे।
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Agneepath scheme
अग्निपथ योजना के तहत साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती करने का प्रावधान है। इनमें से 25% को चार साल बाद बनाए रखने का प्रावधान है, जबकि बाकी 75% रिटायर हो जाएंगे। सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है। छात्रों के विरोध के बाद सरकार ने योजना में बड़ा बदलाव करते हुए रविवार को ऐलान किया कि अगर सेवा के दौरान अग्निवीर की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को मुआवजे के तौर पर एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।