नई दिल्ली: अग्निपथ (Agneepath) के विरोध से न केवल भारतीय रेलवे (Indian Railways) को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है, बल्कि रेल के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने के इच्छुक यात्रियों के लिए भी बड़ी बाधाएँ पैदा हो रही हैं। गर्मी की छुट्टियों के कारण आमतौर पर भारत में लोग छुट्टियां मनाने के लिए यात्रा करते हैं। लेकिन इस बार कुछ रूटों पर कई ट्रेनें (Train) कैंसिल होने से लोग अपना बुक किया हुआ टिकट कैंसिल करने को मजबूर हैं।
यह स्थिति इस बात से पैदा हुई है कि अग्निपथ नामक अल्पकालिक सेना भर्ती योजना को लेकर सप्ताह भर के आंदोलन के दौरान कई ट्रेनें (Train) जल गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं। आंदोलन पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है और इस वजह से लोगों को ट्रेनों से यात्रा करने में डर लग रहा है। उपद्रवियों द्वारा ट्रेनों और स्टेशनों पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी से भारतीय रेलवे को काफी नुकसान हुआ है।
भारतीय रेलवे के मुताबिक अब तक हजारों यात्रियों ने अपने टिकट कैंसिल करवाए हैं। इसके चलते भारतीय रेलवे को इन यात्रियों को करोड़ों रुपये का रिफंड देना पड़ा। 17 जून से शुरू हुई हिंसा के बाद से टिकट रद्द करने की प्रक्रिया जारी है। पिछले पांच दिनों में अब तक उत्तर मध्य रेलवे के क्षेत्र से गुजरने वाली 250 ट्रेनों को रद्द किया गया है. ट्रेनों के रद्द होने के कारण कई यात्रियों ने अपने टिकट रद्द कर दिए हैं। उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी डॉक्टर अमित मालवीय के मुताबिक टिकट कैंसिल कराने पर यात्रियों को पूरा रिफंड दिया जाता है।
यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने और रिफंड लेने में किसी तरह की परेशानी और परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए प्रमुख स्टेशनों पर हेल्पडेस्क स्थापित किए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए प्रयागराज, आगरा, झांसी सहित अन्य स्टेशनों पर हेल्प डेस्क खोले गए हैं. रिफंड के अलावा अन्य ट्रेनों की भी जानकारी दे रहे हैं।
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अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी और आरपीएफ के साथ सिविल पुलिस और पीएसी को भी तैनात किया गया है। स्टेशनों पर पुलिस की गश्त चल रही है और फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है ताकि किसी को अराजक स्थिति का सामना न करना पड़े।