किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कृषी मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर बातचीत के जरिए समाधान निकालने पर जोर दिया है। दूसरी तरफ विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली और गुंडे बताते हुए कहा था कि किसान सिर्फ बिचौलियों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थीं और विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है।
लेखी के इस बयान पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी करना गलत है।टिकैत ने कहा- गुंडे वे हैं जिनके पास कुछ नहीं है। हम किसान हैं, गुंडे नहीं। हम अन्नदाता हैं। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा- अगर किसान गुंडे हैं तो मीनाक्षी लेखी को हमारे द्वारा उगाए गए अनाज को खाना बंद कर देना चाहिए।
They are not farmers, they are hooligans… These are criminal acts. What happened on January 26 was also shameful criminals activities. Opposition promoted such activities: Union Minister Meenakshi Lekhi on alleged attack on a media person at 'Farmers' Parliament' today pic.twitter.com/72OARBh1n0
— ANI (@ANI) July 22, 2021
क्या बोली थीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी
वे किसान नहीं हैं, वे बदमाश हैं…. ये आपराधिक कृत्य हैं। जो 26 जनवरी को हुआ वह शर्मनाक आपराधिक गतिविधि थी। विपक्ष ने ऐसे कृत्यों को बढ़ावा दिया।
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Such a remark is an insult to 80 crore farmers of India. If we're hooligans, Meenakshi Lekhi ji should stop eating foodgrain grown by us. She should be ashamed of herself. We've passed a resolution in 'Farmers' Parliament condemning her statement: Farmer leader Shiv Kumar Kakka pic.twitter.com/LZQiWpOhEX
— ANI (@ANI) July 22, 2021