नई दिल्ली। बीजेपी तीन राज्यों में हार के बाद अब 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए शायद कोई गलती नहीं करना चाहती है तभी केंद्र में मौजूद मोदी सरकार ने नए साल पर कृषि कर्ज की किस्त समय पर चुकाने वाले किसानों को ब्याज माफी समेत कई तोहफे देने की तैयारी कर रही है। ब्याज छूट से सरकारी खजाने पर 15,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
साथ ही किसानों को तत्काल राहत देने के बारे में एक प्रस्ताव यह है कि सही समय पर कृषि ऋण की किस्त चुकाने वाले किसानों पर चार प्रतिशत ब्याज का भार पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए। अभी किसानों को तीन लाख रुपये तक का ऋण सात प्रतिशत की ब्याज दर से दिया जाता है। मंत्रिमंडल बैठक की जानकारी देते विधिमंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि समय पर ब्याज भरने वाले किसानों को सरकार की तरफ से पहले ही तीन प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जा रही है। अब बाकी बची चार प्रतिशत ब्याज दर से भी उन्हें निजात दिलाने की तैयारी की जा रही है।
इसके अलावा अगर सूत्रों की माने तो इसके अलावा खाद्यान्न फसलों के लिए होने वाले बीमा के लिए किसानों को प्रीमियम भरने से भी मुक्ति मिल सकती है। बागवानी फसलों के बीमा प्रीमियम को भी कम किया जा सकता है। अभी किसानों को खरीफ फसलों पर दो प्रतिशत, रबी फसलों पर डेढ़ प्रतिशत और बागवानी एवं व्यावसायिक फसलों पर पांच प्रतिशत प्रीमियम देना होता है। शेष प्रीमियम का भुगतान केंद्र सरकार तथा संबंधित राज्य सरकारें आधा-आधा करती हैं। सूत्रों के अनुसार, किसान अभी खरीफ तथा रबी फसलों पर करीब पांच हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम भर रहे हैं। यदि प्रीमियम में छूट दी गई तो किसानों का बोझ और कम हो जाएगा। फसल वर्ष 2017-18 के दौरान देश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 4.79 करोड़ किसानों को लाभ मिला।
फिल्फाल ये उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार किसानों के लिए और भी कई कल्याणकारी योजनाए ला सकती है जिससे किसानों का संर्वांगीण विकास हो और आने वाले समय में उनके लिए और भी कई नए अवसर हों।’