लखनऊ डेस्क। कहते हैं कि किस्मत बदलते देरी नहीं लगती है। ऐसा ही कुछ राजस्थान के जोधपुर में एक तमिल परिवार में जन्मी मिताली राज के साथ हुआ। भारतीय महिला क्रिकेटर मिताली राज ने मंगलवार को क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी-20 से संन्यास ले लिया। इसके लिए मिताली के माता-पिता उन्हें पूरी तरह से प्रोत्साहित किया और हमेशा साथ खड़े रहे।
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आपको बता दें उन्होंने सन्यास लेने के बाद कहा भारत के वनडे विश्व कप जीतना मेरा सपना है। इसे पूरा करने के लिए अपना सब कुछ झोंक देना चाहती हूं। इसलिस मैंने अब टी-20 को अलविदा कहने का फैसला किया है। 36 बरस की मिताली ने यह फैसला अपना ध्यान 2021 में न्यूजीलैंड में होने वाले वनडे विश्व कप की तैयारी पर लगाने के लिए लिया है।
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जानकारी के मुताबिक जनवरी 2002 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया लेकिन दुर्भाग्य से वो जीरो रन पर आउट हो गई। हालाकि तीसरे टेस्ट में जबरदस्त वापसी करते हुए उन्होंने 214 रनों की अदभुत पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया के करण रोल्टन के 209 रनों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए शानदार 214 रन बनाये और एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।2006 से टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद मैं 2021 वनडे विश्व कप के लिए खुद को तैयार करने के लिए टी-20 संन्यास लेना चाहती हूं।