नई दिल्ली। केरल के बाद अब पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव को कैप्टन सरकार ने पेश किया था। इस समय प्रस्ताव पर विधानसभा में बहस जारी है। जहां आम आदमी पार्टी ने प्रस्ताव का समर्थन किया है, वहीं अकाली और भाजपाई इसके विरोध में हैं।
Punjab Chief Minister's Office: CM said Centre would have to make the necessary amendments to CAA if it had to
be implemented in Punjab and other states opposing the legislation. Like Kerala,his government would also approach the Supreme Court on the issue, he said https://t.co/pENnlt4N2C— ANI (@ANI) January 17, 2020
पंजाब की सरकार ने एलान किया था कि सरकार CAA, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के संबंध में सदन की इच्छा से आगे बढ़ेगी। क्योंकि इससे राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के छिन्न-भिन्न होने का खतरा बढ़ गया है।
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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अगर चाहती है कि सीएए को पंजाब और अन्य राज्यों में लागू किया जाए। तो उसे अवाश्यक संशोधन करने होंगे। वहीं केरल की तरह उनकी भी सरकार इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।
बता दें कि पंजाब से पहले केरल विधानसभा में भी CAA के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया गया था। प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि CAA धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है। इसमें नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा। यह कानून संविधान के आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों के विरोधाभासी है।