लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देशानुसार साल 2022 में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी (Atal Medical University) का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसमें मेडिकल कॉलेज (Medical college) बनने से मरीजों की दिक्कतें कम होंगी और आसानी से इलाज मिल सकेगा। इस मेडिकल कॉलेज के संचालन से रेफरल केसों में भी कमी आएगी। अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज से दूसरे मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल पाठ्यक्रमों को संबद्धता दी गई है। जिसके तहत एमबीबीएस की 58, एमडीएमएस, डीएम, एमसीएच के 25, बीएससी नर्सिंग की 335, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग के 86, एमएससी नर्सिंग के 43 और पैरामेडिकल के 119 को मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए दूसरे मेडिकल कॉलेजों को संबद्धता दी गई है। छात्र-छात्राओं की सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है।
चक गंजरिया में 50 एकड़ भूमि पर तैयार
अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रथम चरण में दूसरे मेडिकल कॉलेजों को संबद्धता दी जा चुकी है। अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी चक गंजरिया में 50 एकड़ भूमि पर तैयार की जा रही है जिसका निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस यूनिवर्सिटी में 20 एकड़ भूमि पर एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण भी किया जाएगा। कुलपति डॉ एके सिंह ने बताया कि परिसर में एक भव्य ऑडिटोरियम बनेगा जिसमें 2,500 लोग बैठ सकेंगे। इसके साथ ही परिसर में कुलपति, डॉक्टर और दूसरे अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवासीय व्यवस्था के लिए आवासों का निर्माण भी किया जाएगा। इन निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई है।
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प्राइवेट मेडिकल(Medical) कॉलेजों की संबद्धता की राहें हुईं आसान
अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के शुभारंभ से प्रदेश की दूसरे प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के साथ ही पैरामैडिकल कॉलेज, डेंटल व नर्सिंग कॉलेजों की संबद्धता की राहें आसान हो गई हैं। इस यूनिवर्सिटी के जरिए प्रथम चरण में कॉलेजों को आसानी से संबद्धता दी जा रही है। ये यूनिवर्सिटी इन सभी कॉलेजों के साथ ही अन्य मेडिकल कोर्सों में भी संबद्धता, अस्सिमेंट, दाखिला, इनरोलमेंट के क्षेत्र में कार्य कर रही है।