कोरोना संकट के बीच भारत बायोटेक की कोवैक्सीन डील को लेकर ब्राजील के ऱाष्ट्रपति फंस गए हैं, सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। G1 वेबसाइड की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने कोवैक्सीन खरीद में अधिक कीमत तय की, जबकि उससे कम दाम में फाइजर की वैक्सीन उपलब्ध थी। राष्ट्रपति ने एक डोज की कीमत 15 डॉलर (1,117) तय की, दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि जबकि एक खुराक की सही कीमत सिर्फ 100 रुपए ($1.34) थी।
बोल्सोनारो को इसके बारे में पता भी था लेकिन उन्होंने नजरअंदाज किया जिसके बाद विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा कर दिया और डील को अस्थाई तौर पर रद्द करना पड़ा। भारत बायोटेक ने कहा- हमने समझौते, अप्रूवल और सप्लाई के लिए उन्हीं नियमों का पालन किया जो बाकी देशों के साथ कर रहे हैं।
पारा राज्य की राजधानी बेलेम में एक प्रदर्शनकारी ने तख्ती ली हुई थी, जिस पर लिखा हुआ था, ‘अगर हम हर एक कोविड मृतक के लिए एक मिनट का मौन रखें, तो हम जून 2022 तक मौन हो जाएंगे।’ आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक पांच लाख से अधिक ब्राजीलियाई नागरिकों ने कोविड के चलते अपनी जान गंवाई है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की जज रोजा वेबर ने कहा कि सरकार द्वारा कोविड महामारी से निपटने की जांच करने वाली सीनेट समिति की हालिया गवाही के बाद राष्ट्रपति बोल्सोनारो के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।
रॉयटर्स के मुताबिक सांसद का आरोप है कि राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो मामले से परिचित होने के बावजूद भारतीय कोवैक्सीन के महंगे सौदे को रोकने में नाकाम रहे। सुप्रीम कोर्ट में अगर आरोप साबित हुए तो जायर बोल्सोनारो को राष्ट्रपति के पद से हटाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए अभियोजक जनरल ऑगस्टो अरास की मंजूरी की जरूरत होगी जो कि जायर बोल्सोनारो के राजनीतिक सहयोगी हैं।