महंगे पेट्रोल-डीजल की मार से एक तरफ आम आदमी त्रस्त है तो दूसरी तरफ इससे सरकार की जेब भर रही है। नए रिकॉर्ड बनाए गए हैं। सरकार ने लोकसभा में बताया कि पिछले वित्त वर्ष में पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी से 3.35 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई है। पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि सरकार ने पिछले साल पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा दिया था। पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपए प्रति लीटर किया गया था, जबकि डीजल पर
एक्साइज ड्यूटी 31.8 रुपए रुपए प्रति लीटर किया गया था।बता दें कि यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई थी जब कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई थी।पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार ने पिछले साल पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा दिया था।
पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी को 19.98 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 32.90 रुपए प्रति लीटर किया गया था। जबकि डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को 15.83 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.8 रुपए रुपए प्रति लीटर किया गया था। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में की गई थी जब कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई थी।
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राज्यमंत्री ने कहा कि इस बढ़ोतरी के कारण अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 3.35 लाख करोड़ रुपए रहा। यह वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले करीब दोगुना कलेक्शन है। 2019-20 में पेट्रोल-डीजल से एक्साइज कलेक्शन 1.78 लाख करोड़ रुपए रहा था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि लॉकडाउन के कारण तेल की बिक्री में कमी ना होती तो यह कलेक्शन और ज्यादा हो सकता था। लॉकडाउन के कारण पूरे देश में आर्थिक गतिविधियां और परिवहन में कमी दर्ज की गई थी। वित्त वर्ष 2018-19 में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज कलेक्शन 2.13 लाख करोड़ रुपए रहा था।