Bulldozer

एक शख्स ने सीएम योगी से की मुलाकात, भेंट की चांदी का बुलडोजर

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गोरखपुर: यूपी के विधानसभा चुनाव में इस बार बुलडोजर (Bulldozer) चर्चा का केंद्र बना रहा है। कानून-व्यवस्था (Law and order) को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने यूपी के माफियाओं के घरो पर बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया। आज वही बुलडोजर ब्रांड एंबेसडर (Brand ambassador) बन गया है। अक्सर आपने देखा होगा कि लोग नेताओ को भेंट के तौर पर गदा, तलवार, धनुष-बाण या देवी-देवताओं की मूर्तियां देते है लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी की जीत पर सीएम योगी को चांदी का बुलडोजर दिया गया।

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गोरखपुर में गीता वस्त्र के डायरेक्टर शम्भू शाह एवं संजय शाह ने सीएन योगी को चांदी का बुलडोजर स्मृति चिन्ह के रुप में दिया, इसे देखते ही सीएम योगी काफी देर तक मुस्कुराते रहे। जनता ने सरकार की योजनाओं को सराहा है, इस कारण राशन से शासन का रास्ता साफ हो पाया है। इस दौरान सीएम योगी के बुलडोजर ने जातीय समीकरण ध्वस्त कर दिए।

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Posted by - April 5, 2021 0
पूर्व प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपित पूर्व सांसद धनंजय सिंह की तलाश में लखनऊ पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। छापेमारी करने जा रही पुलिस टीम बैरंग वापस लौट रही हैं। शनिवार को जौनपुर में उसके कालीकुत्ती स्थित आवास व अन्य स्थानों पर छापेमारी की गयी  थी लेकिन उसके न मिलने पर पुलिस टीम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था। इसके अलावा पुलिस टीमों ने राजधानी में धनंजय के करीबी लोगों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका है। मालूम हो कि सूबे की राजधानी लखनऊ में गत छह जनवरी को मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुठभेड़ में मारे जा चुके अजीत सिंह हत्याकांड के शूटरों में एक कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डाक्टर के बयान के आधार पर लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह को साजिशकर्ता के तौर पर आरोपित किया था। पुलिस को चकमा देकर धनंजय सिंह ने पिछले महीने पुराने केस में एमपीएमएलए कोर्ट प्रयागराज में आत्मसमर्पण कर दिया था। नैनी सेंट्रल जेल से उसे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। महाराष्ट्र में कोरोना से हालात बेकाबू, सरकार का नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन का ऐलान जब तक लखनऊ पुलिस उसे अजीत हत्याकाण्ड में वारन्ट लेती तब तक गत 31 मार्च को एमपीएमएलए कोर्ट से जमानत मंजूर हो जाने पर वह गुपचुप तरीके से जेल से रिहा हो गया था। इसे लेकर लखनऊ पुलिस की खूब किरकिरी हुई। इसके बाद से लखनऊ पुलिस अजीत हत्याकाण्ड में उसे आरोपी मानकर लगातार  छापेमारी कर रही है लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। इसी कड़ी में धनंजय सिंह की तलाश में शनिवार को जौनपुर गयी लखनऊ पुलिस की टीम ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर उसके कालीकुत्ती स्थित आवास पर दबिश दी थी। वह घर पर नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश में जमैथा निवासी करीबी आशुतोष सिंह के दीवानी कचहरी रोड स्थित आवास पर भी छापेमारी की थी। पूर्व सांसद के गृह गांव सिकरारा थाना क्षेत्र के बनसफा गांव में भी दबिश दी गयी। मालूम हो कि शनिवार को धनजंय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी ने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था।  
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