लखनऊ। मंगलवार को सनसनीखेज मामला सामने आया है। एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज (MC Saxena Medical college) ने मान्यता के लिए 250 से अधिक स्वस्थ मजदूरों (250 labours) को बंधक लिया। इसके बाद उनको वीगो और इंजेक्शन लगाकर फर्जी इलाज शुरू कर दिया। विरोध करने पर जबरन कमरे में बंद कर दिया। मौका पाकर एक मजदूर दीवार फांदकर भागा और पुलिस को जाकर पूरा सच बताया। मौके पर पहुंची पुलिस ने अस्पताल मालिक के बेटे को अरेस्ट कर जांच शुरू कर दी।
दरअसल, पूरा मामला ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है। आरोप यह है कि यहां पर 250 से ज्यादा से मजदूरों को बंधक बनाकर मैजिक व डाला से यहां लाया गया। ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज है। दुबग्गा में इससे संबद्ध डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल है। अस्पताल के भीतर सभी को ले जाया गया। वहां सभी को अलग-अलग बेड में लेटने के लिए कहा गया। सभी मजदूर लेट गए। इसके बाद कर्मचारी ने कुछ मजदूरों को वीगो व इंजेक्शन लगाने के लिए कहा। बताया जा रहा है कि इन मजदूरों को 500 रुपए दिहाड़ी पर फर्जी मरीज बनाकर लाया गया था।
इस बीच कुछ को जबरन सुई लगाई भी गई। इसी पर बवाल हो गया। मौका पाकर अंश नाम का मजदूर करीब तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रहा। उसने ठाकुरगंज पुलिस को बताया, शाम चार बजे तक मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा। फिर हॉस्पिटल से मजदूरों को रिहा कराया गया।
डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह व डॉ. केडी मिश्रा भी अस्पताल पहुंचे। पूरी जानकारी जुटाई। डॉ. केडी मिश्र ने बताया कि पहले लगा कि मान्यता के लिए मरीजों को बुलाया गया होगा पर DGME से बात करने पर बताया कि ऐसी कोई विजिट उस कार्यालय से इस संस्थान में प्रस्तावित नही थी, इसलिए इस पूरी कवायद का मकसद समझ से परे है। मामला गंभीर था, पर बड़ी संख्या में पुलिस बल ने पहुंचकर परिस्थितियों को संभाला अब सभी महिला-पुरुष बंधक सुरक्षित है। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन है, पर जो भी विधिक कार्रवाई होगी जरूर की जाएगी।