नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया के आमंत्रण पर 18वें दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान-भारत सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान, सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, कोविड 19 महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा, लेकिन ये चुनौतीपूर्ण समय भारत आशियान मित्रता की कसौटी भी रहा।
भारत-आसियान संबंध का इतिहास गवाह- पीएम
पीएम मोदी ने कहा, इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएं, भाषाएं, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, दिखाते हैं। आसियान की unity और centrality भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है।
आसियान-भारत की पार्टनशिप के 30 साल- पीएम
पीएम मोदी ने कहा, साल 2022 में हमारी पार्टनरशिप के 30 साल पूरे होंगे। भारत भी अपनी आज़ादी के 75 साल पूरे करेगा। मुझे बहुत हर्ष है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम ‘आसियान-भारत मित्रता वर्ष’ के रूप में मनाएंगे।
हर साल होता है सम्मेलन का आयोजन
बता दें कि, यह सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है जो आसियान और भारत को शीर्ष स्तर पर संवाद का मौका प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल नवंबर में 17वें आसियान सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस बार पीएम मोदी 9वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। आसियान-भारत साझेदारी साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यता के मजबूत आधारों पर आधारित है। आसियान समूह शुरू से भारत की ‘एक्ट इस्ट नीति’ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर व्यापक दृष्टिकोण का मूल केंद्र रहा है।