लखनऊ। संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी कांड को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की मांग करते हुए सोमवार को छह घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया है। जिसकी वजह से उत्तर रेलवे जोन में अभी तक 30 स्थान प्रभावित हुए हैं। उत्तर पूर्वी रेलवे ने दिल्ली-यूपी रूट की कुछ ट्रेनों को रद्द करने का ऐलान किया है तो वहीं, कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए हैं।
वहीं रेल रोको आंदोलन को लेकर यूपी पुलिस हाई अलर्ट पर है। खासकर पश्चिम यूपी के 14 जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इन 14 जिलों में सीनियर आईपीएस अधिकारियों को भेजा गया है ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न हो सके। इस बीच एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने किसानों के रेल रोको आंदोलन में उपद्रवी तत्वों के घुसने की भी आशंका जताई है। साथ ही किसान नेताओं को भी इस बारे में आगाह किया है।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने आज (सोमवार) यानी 18 अक्टूबर को लखीमपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया है। इसके चलते कई ट्रेनें प्रभावित हो रही है। उत्तर पूर्वी रेलवे ने दिल्ली-यूपी रूट की कुछ ट्रेनों को रद्द करने का ऐलान किया है तो वहीं, कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए हैं। रेलवे के सीपीआरओ ने कहा है कि किसान आंदोलन की वजह से उत्तर रेलवे जोन में अभी तक 30 स्थान प्रभावित हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों को लखनऊ पुलिस की चेतावनी
वहीं, इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। लखनऊ पुलिस ने कहा है कि किसान संगठन के ‘रेल रोको आंदोलन’ में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। जिले में 144 सीआरपीसी भी लगाया गया है और अगर कोई सामान्य स्थिति को बाधित करने की कोशिश करता है तो एनएसए लगाया जाएगा।
उधर लखीमपुर खीरी में भी रेल आंदोलन को लेकर विशेष सावधानियां पुलिस की तरफ से बरती जा रही है। लखीमपुर में एडीजी एसएन साबत, आईजी लक्ष्मी सिंह और डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल कैंप कर रहे हैं।
किसान आंदोलन को लेकर यूपी में अलर्ट
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि कुछ उपद्रवी तत्व आंदोलन में घुसकर किसानों को बदनाम करने की कोशिश कर सकते हैं। इस बारे में हमने किसान नेताओं को भी बता दिया है, साथ ही अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा पुतला जलाने या रेल रोको कॉल का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं से संवाद कर समाधान की कोशिश चल रही है। आम लोगों को कोई कठिनाई नहीं होने दी जाएगी। कहीं भी गड़बड़ी करने वाले तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने हमसे नहीं की कोई बात- राकेश टिकैत
किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन पर भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि रेल रोको आंदोलन अलग-अलग जिलों में अलग-अलग जगह होगा। पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है। भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है।
रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात
किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन के आह्वान का असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। अमृतसर के देवीदास पुरा गांव में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठे है। वहीं, हरियाणा के सोनीपत जंक्शन रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारी बहादुरगढ़ में रेलवे ट्रैक पर बैठे है।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने एक बयान में रविवार को कहा कि जब तक लखीमपुर खीरी मामले में न्याय नहीं मिल जाता प्रदर्शन और तेज होगा। एसकेएम ने कहा कि ‘रेल रोको’ प्रदर्शन के दौरान सोमवार को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न चार बजे तक सभी मार्गों पर छह घंटे के लिए रेल यातायात को रोका जाएगा।
बयान में कहा गया कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की है ताकि लखीमपुर खीरी जनसंहार में न्याय मिल सके।
रेल रोको आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण
मोर्चा ने कहा, एसकेएम अपने सभी घटकों को 18 अक्टूबर को पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न चार बजे तक छह घंटे तक रेल रोकने का आह्वान करता है। एसकेएम अपील करता है कि यह शांतिपूर्ण और रेलवे की संपत्ति को बिना नुकसान पहुंचाए किया जाए।
किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा है, रेल रोको पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा और रेल संपत्ति को कोई क्षति नहीं पहुंचाई जाएगी। एसकेएम ने अपने सभी घटकों से दिशानिर्देश को सख्ती से पालन करने की अपील भी की है।