मंदिर का ताला खुलवाने के लिए अन्ना उठ खड़े हुए, गरीबों के पेट पर ताला लगा है उसकी फिक्र नहीं- पप्पू यादव

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कई राज्य सरकारों ने धार्मिक स्थलों को खोल दिया है। हालांकि महाराष्ट्र में अभी तक धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है।इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने उद्धव ठाकरे सरकार से महाराष्ट्र के मंदिरों को खोलने की अपील कर डाली है।हजारे ने कहा- अगर ठाकरे सरकार ने मंदिरों के दरवाजे खोलने के आदेश जारी नहीं किए तो लोग सड़क पर आकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करें।

इस मामले में जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर निशाना साधा है।उन्होंने कहा- सुने हैं अन्ना हजारे जग गए हैं। मंदिर का ताला खुलवाने को! गरीबों के पेट पर ताला लगा है उसकी उन्हें फिक्र नहीं! उन्होंने कहा राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है? अन्ना हजारे ने कहा कि अगर कोविड करण है मंदिरों को नहीं खोलने का, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों है? बता दें कि अन्ना हजारे का यह बयान सिर्फ महाराष्ट्र सरकार को लेकर आया है। बीजेपी शासित राज्यों में भी शराब की दुकानें खुली हुई हैं और मंदिरों को खोलने का फैसला लेट लिया गया या अभी भी कई जगह नहीं लिया गया है। लेकिन उस पर अन्ना हजारे ने चुप्पी साधी है।

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अन्ना हजारे द्वारा देश के कई ज्वलंत मुद्दों पर चुप्पी साध लेने और बीजेपी और आरएसएस जिस मुद्दे पर गैर बीजेपी शासित राज्यों में राजनीति करती हैं, उसी मुद्दे पर अन्ना हजारे का यह बयान कई सवाल कर खड़े कर रहा है।  इसी को लेकर पप्पू यादव ने भी ट्वीट किया है उन्होंने लिखा है कि, सुने हैं अन्ना हजारे जग गए हैं।  मंदिर का ताला खुलवाने को।  गरीबों के पेट पर ताला लगा है।  उसकी उन्हें फिक्र नहीं।

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