हरियाणा के करनाल शहर में शनिवार को भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में घायल एक किसान की मौत हो गई। बीकेयू के वरिष्ठ नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को कहा कि करनाल में पुलिस लाठीचार्ज में घायल एक किसान की रात को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। चढूनी ने ट्वीट कर कहा- भाई सुशील काजल जो डेढ़ एकड़ के किसान थे, उन्हें लाठीचार्ज की वजह से बहुत चोट आई थीं और रात को हार्ट फेल होने के कारण उनकी मौत हो गई।
करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया का कहना है कि मृतक किसान किसी भी अस्पताल नहीं गया था, वह स्थिर हालत में अपने घर गया था, मौत रात को सोने के वक्त हुई। एसपी का कहना है कि अगर मौत चोट की वजह से होती तो उसके परिजन पुलिस से पास आते लेकिन कोई नहीं आया, दोनों बातों का कोई संबंध नहीं।
गौरतलब है कि करनाल में प्रदर्शन के दौरान वहां के एसडीएम का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह किसानों पर लाठीचार्ज करने का आदेश देते दिख रहे थे। इसके बाद किसानों पर लाठीचार्ज किया गया, जिसमें कई किसानों को चोटें पहुंची थीं। इसी घटना के बाद अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा ने दावा किया था कि पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में किसान की मौत हो गई।
हरियाणा पुलिस द्वारा बेरहमी से किए गए लाठीचार्ज के बाद किसानों की महापंचायत, सड़कें की ब्लॉक
मजदूर सभा ने रामपुर जटा गांव के किसान की मौत पर पुलिस के रवैये पर सवाल उठाया है। इस पर पुलिस ने अपनी ओर से सफाई दी है।वहीं अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के महासचिव डॉक्टर आशीष मित्तल का आरोप है कि पुलिस ने एसडीएम के आदेश पर बसताड़ा टोल, करनाल में किसानों पर लाठियां बरसाई थीं. शुक्रवार रात में ही सुशील ने चोट लगने की वजह से दम तोड़ दिया।